पीजीआई चंडीगढ़ में पांच-दिवसीय वैश्विक लोक स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यक्रम हुआ संपन्न

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चंडीगढ़, 17 जुलाई। पीजीआई चंडीगढ़ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग तथा स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ द्वारा आयोजित पांच-दिवसीय ऑनलाइन ई-इंटरनेशनल पब्लिक हैल्थ मैनजमेंट डवलपमेंट प्रोग्राम (ई-आईपीएचएमडीपी) सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के भारतीय तकनीकी आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) द्वारा 161 आईटीईसी देशों के लिए प्रायोजित इस वैश्विक कार्यक्रम में 31 देशों के 119 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें शामिल हैं- अफगानिस्तान, अजरबैजान, बहरीन, बांग्लादेश, इक्वाडोर, मिस्र, इथियोपिया, गाम्बिया, गुयाना, ईरान, जॉर्डन, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोरक्को, म्यांमार, निकारागुआ, ओमान, पनामा, फिलीपींस, सेशेल्स, सिएरा लियोन, सोमालिया, दक्षिण सूडान, श्रीलंका, सेंट किट्स एंड नेविस, सूरीनाम, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, यूक्रेन और जाम्बिया। कार्यक्रम में मौजूदा कोरोना वायरस जनित महामारी सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन में देश की प्रमुख विधियों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के निदेशक, डॉ. सोनू गोयल ने कहा कि इस प्रमुख कार्यक्रम ने 2016 में अपनी स्थापना के बाद से दुनिया भर के 85 देशों के 650 से अधिक वरिष्ठ स्तर के प्रबंधकों, शिक्षाविदों व अन्य लोक स्वास्थ्य पेशेवरों की क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ‘हर साल यह प्रोग्राम पारंपरिक रूप से आयोजित किया जाता रहा है, जिसमें दुनिया भर के प्रतिभागी भाग लेने के लिए मेजबान देश (भारत) का दौरा करते थे। यहां तक कि महामारी के समय भी, जब इस तरह की बैठकें प्रतिबंधित थीं, पिछले कार्यक्रमों की भव्य सफलता के बाद हम ऑनलाइन माध्यम से यह आयोजन करने में कामयाब रहे।
उन्होंने आगे कहा कि विकासशील देशों में इस तरह के बहुत कम कार्यक्रम हैं जो सार्वजनिक स्वास्थ्य में विविध चुनौतियों के प्रबंधन के लिए नेतृत्व कौशल मजबूत करते हैं। श्री सोमनाथ चटर्जी, निदेशक (डीपीए-2), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार ने आईटीईसी देशों के बीच पारस्परिक सहयोग और संबंध स्थापित करने में पीजीआईएमईआर के सतत प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि यह प्रोग्रम 161 आईटीईसी देशों में बेहद लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक है और आईटीईसी देशों के बीच पूर्व छात्रों के नेटवर्क को विकसित करने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। आईटीईसी देशों के बीच प्रोग्राम की उच्च मांग को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन और नेतृत्व के विभिन्न डोमेन पर तीन और लघु पाठ्यक्रमों की घोषणा की, जिन्हें पीजीआईएमईआर द्वारा आईटीईसी, विदेश मंत्रालय के सहयोग से इस वर्ष अगस्त से अक्टूबर तक पेश किया जाएगा।
डॉ. राकेश गुप्ता, पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, पंजाब एवं अध्यक्ष, सिफर, ने इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना की और सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे कि कोविड महामारी में इस तरह के कार्यक्रमों के महत्व के बारे में बात की। उन्होंने फन विद लर्निंग कॉन्सेप्ट पेश करने के लिए आयोजकों की प्रशंसा की, जो वरिष्ठ पेशेवरों को प्रमुख कॉन्सेप्ट समझाने में बहुत उपयोगी है। प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. कृतिका उपाध्याय ने कहा कि लघु व्याख्यान, केस स्टडी, प्रश्नोत्तरी व अच्छे पाठक, सामाजिक रूप से सक्रिय प्रतिभागी, सर्वश्रेष्ठ लोगो डिजाइन, सर्वश्रेष्ठ सैल्फी और टैगलाइन जैसी प्रतियोगिताएं कार्यक्रम में पेश की गयीं, जिनसे विविध शिक्षण पद्धतियों के बुनियादी सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली।
समापन समारोह के दौरान, एक ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने लोक नृत्य, गीतों व कविताओं के माध्यम से अपने-अपने देश की संस्कृति का प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों के अभिनंदन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रतिभागियों ने एक बहुत ही उपयोगी, नयी तरह का, सूचनात्मक, ज्ञानवर्धक और दिलचस्प कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने आयोजकों से अपने देश में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का अनुरोध किया। प्रतिभागियों ने अपने देश या सेटिंग्स में लागू होने वाली कार्य योजनाएं साझा कीं।

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