चंडीगढ़, 16 जुलाई। राज्य के नागरिकों को बेहतर और कुशल सेवाएं प्रदान करने को यकीनी बनाने के लिए मुख्य सचिव विनी महाजन ने शुक्रवार को यहाँ जे-पाल के साथ सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया जिससे नयी नीति के द्वारा पंजाब सरकार के फैसले लेने की प्रक्रिया में सबूत के तौर पर डिजीटाईजेशन और प्रशासनिक आंकड़ों का प्रयोग किया जा सके।
यहाँ जे-पाल के साथ सहयोग की प्रगति का जायजा लेने के लिए मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव ने कहा कि पंजाब सरकार देश के अग्रणी राज्यों में से एक है जिसने व्यापक डाटा नीति को नोटिफाई किया है और इस नीति के अंतर्गत व्यवस्थाओं को लागू करने का विचार किया गया है जिससे राज्य में गवर्नेंस के हर स्तर पर डाटा की पहुँच, सुरक्षा, इंटरऑपरेबिलिटी और एकीकरण को बेहतर बनाया जा सके और नागरिकों को बेहतर और कुशल सेवा प्रदान की जा सकें।
मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव ने जे-पाल टीम को जल्द से जल्द पुलिस और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागों के साथ मिल कर काम शुरू करने के लिए भी कहा। जे-पाल पहले ही सामर्थ्य निर्माण के जरिये सरकार में डाटा नीति के लागूकरण की प्रक्रिया में सहयोग देने के लिए प्रशासनिक सुधारों और सार्वजनिक शिकायतें विभाग के साथ मिल कर काम कर रहा है जिससे फैसले लेने के लिए डाटा का प्रयोग किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि जे-पाल की डाटा टीम ने श्रम और कर विभागों के साथ भी मिल कर काम करना शुरू किया है।
मुख्य सचिव ने जे-पाल को काम की रफ्तार में तेजी लाने और अगले महीने तक काम की प्रगति के बारे रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नागरिकों को प्रभावशाली और पारदर्शी सेवाएं मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार डाटा गवर्नेंस को बेहतर बनाने और फैसले लेने के लिए डाटा का प्रयोग करने के लिए वचनबद्ध है।
मीटिंग में दूसरों के इलावा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ (श्रम), अनिरुद्ध तिवारी (प्रशासनिक सुधार), प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण हुसन लाल, कर कमिशनर नीलकंठ एस. अवहद और राज्य सरकार के अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।