अखिल भारतीय विरोध दिवस के अवसर पर चण्डीगढ़ में 10 स्थानों पर किया गया रोष प्रर्दशन

Spread the love

चण्डीगढ़ 15 जुलाई। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के फैसले के तहत फैड़रेषन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज चण्डीगढ़ के आह्वान पर अखिल भारतीय विरोध दिवस के फैसले के तहत चण्डीगढ़ में आज 15 जुलाई 2021 को बिजली, पानी, सड़क, बागबानी, भारतीय बाल कल्याण परिषद्, एमसी व यूटी के अलग अलग विभागों के सामने 10 स्थानों पर विरोध प्रर्दषन किया गया।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फैड़रेषन के सचिव व फैड़रेषन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज चण्डीगढ़ के महासचिव गोपाल दत्त जोषी ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का अखिल भारतीय विरोध प्रर्दषन करोना की आड़ में डेढ़ साल से रोका मँहगाई भत्ता ऐरियर सहित बहाल करने, पीएफआरडीए रद्द कर नई पैंषन स्कीम खत्म करके पुरानी पैंषन बहाल करने, सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व ठेकेदार को हटाकर सीधे विभाग के अधीन करने व पक्का होने तक बराबर काम के आधार पर बराबर वेतन देने, बिजली , पानी, ट्रांसपोर्ट आदि सरकारी विभागों का निजीकरण रोाकने, संषोधित पोस्टों के आधार पर नियमानुसार प्रमोषन की पोस्टें शीघ्र भरने, सभी कर्मचारियों को शीघ्र मुफ्त वैक्सीन लगवाने, करोना के कारण मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने तथा 50 लाख मुआवजा जारी करने व वेतन आयोग की रिर्पोट लागू करने आदि मांगों के समर्थन में विरोध रैलियां की गई।
अलग अलग विभागों में किये गये विरोध प्रर्दषनों को फैड़रेषन के प्रधान रघवीर चन्द , वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र कटोच, ध्यान सिंह, हरकेष चन्द व अमरीक सिंह, बिहारी लाल, प्रेमपाल, गुरमेल सिंह, कष्मीर सिंह, ललित सिंह, राजिन्द्र ठाकुर, लखविन्द्र सिंह, एम.सुब्रामण्यिम, राम बख्श, सोहन सिंह, नसीब सिंह, चैन सिंह, सिकंदर शर्मा, रेखा शर्मा, सुनिता शर्मा, अवतार सिंह आदि फैड़रेषन के पदाधिकारियों ने सम्बोंधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 200 से 18 महिने के लिए रोके गये मँहगाई भत्ते की बहाली न होने से कर्मचारियों व पैंषनरों में रोष बढ़ता जा रहा है। डी ए बहाल न होने से हर महिने प्रति कर्मचारी को 6 से 10 हजार तक नुक्सान उठाना पड़ रहा है। पैंषनरों को करीब साढ़े तीन हजार से 5 हजार का नुक्सान हो रहा है। सरकार को जुलाई 2021 की बजाये जनवरी 2020 से ही ऐरियर का भुगतान करना चाहिए। सरकार पहले ही डीऐ के नाम पर 2500 करोड़ हड़प चुकी है। इसलिए शीघ्र ही पूरे ऐरियर का भुगतान किया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार एक तरफ आर्थिक हमले कर रही है दूसरी तरफ आपदा के अवसर में बदलकर सेवा क्षेत्र सहित बिजली, बैंक, बीमा, ट्रांसपोर्ट, कोयला, खदान, बदंरगाह , एयरपोर्ट, रेलवे, तेल कम्पनियां व अर्डिनेंस फैक्ट्रियों को निजी हाथों में सौंप रही है। पूजीपतियों के हक में श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोडस बनाकर लागू करने शुरू कर दिये है। बिजली अमैन्डमैंट बिल 2021 को वर्तमान मानसून सैषन में पेष करने की जल्दबाजी में उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार के यह कदम कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर कर रही है। वक्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी की अगर पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पैंषन बहाल नहीं की तथा डीए व अन्य भत्तो का ऐरियर जारी नहीं किया तो कर्मचारी राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष को तेज करेगें। रोष प्रर्दषनों में विशेष प्रस्ताव पास कर निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों व अधिकारियों के संघर्ष को समर्थन करने का ऐलान किया तथा सभी कर्मचारियों को 10 अगस्त 2021 को संयुक्त कर्मचारी मोर्चे के आह्वान पर किये जा रहे रोष प्रर्दषन व मार्च को सफल करने की अपील की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *