नए लागू किए गए वेतन स्केलों में तुरंत संशोधन करे सरकार: इंजीनियर मनमोहन सिंह

Spread the love

चंडीगढ़, 15 जुलाई। पंजाब के सभी विभागों, कॉर्पोरेशनों, अथॉरिटीज और बोर्डों आदि में सेवा निभा रहे इंजीनियरों के प्रमुख संगठन पंजाबी इंजीनियर्स वेलफेयर सोसायटी (पिओस) ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि अगर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को रद्द कर अगर सरकार द्वारा तुरंत इंजीनियर्स की मांगों के अनुसार संशोधन कर नई नोटिफिकेशन को जारी नहीं किया गया तो पंजाब के समूह इंजीनियर पूरे राज्य में कामकाज ठप कर सड़कों पर उतरेंगे और चक्का जाम करेंगे।
सोसायटी के प्रधान इंजीनियर मनमोहन सिंह और महासचिव इंजीनियर रछपाल सिंह बुट्टर ने प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि इंजीनियर्स के बिना राज्य का निर्माण किसी भी तरह से संभव नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने इंजीनियर्स की लंबे समय से लटक रही मांगों के विपरीत नए लागू किए गए वेतनमानों के संबंध में जारी नोटिफिकेशन में उनको पहले से मिल रहे स्केल और भत्तों को और भी कम कर दिया है।
उन्होंने कहा कि उप-मंडल इंजीनियर के लिए नई भर्ती का ग्रेड लेवल जो कि पहले पी.सी.एस. अधिकारियों और मेडिकल अधिकारियों के बराबर लेवल 18 पर था, वह अब बिना किसी आधार पर लेवल 14 कर दिया गया है जो कि क्लास बी का लेवल है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स को उनका बनता सम्मान न दिए जाने से उनमें काफी गुस्सा और रोष है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स उच्च पढ़ाई प्राप्त तकनीकी काडर से संबंधित होते हैं और वे किसी भी अपने हालत में अपने सम्मान, वेतन और सुविधाओं से छेड़छाड़ सहन नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिख पत्र में सोसायटी द्वारा मांग की गई है कि इंजीनियर्स को डॉक्टरों को दिए जाने वाले एनपीए (नॉन प्रेक्टिसिंग अलाउंस) की तर्ज पर एनपीए दिया जाए और अगर ऐसा नहीं करना तो उनको ऑफिस के समय से अलग समय में अपनी प्राइवेट प्रेक्टिस करने की अनुमति दी जाए। सोसायटी द्वारा सरकार से ये भी मांग की गई है कि इंजीनियर्स को फील्ड में बरसात, धूप, आंधी और तूफान के मुश्किल भरे हालात में काम करना पड़ता है और इनको देखते हुए इंजीनियर्स द्वारा राज्य सरकार से काफी समय से मांग की जा रही है कि इंजीनियर्स को बेसिक पे का 15 फीसदी फील्ड अलाउंस भी दिया जाए, पर सरकार द्वारा इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
इंजीनियर्स नेताओं ने बताया कि पंजाब के सभी इंजीनियर्स संगठनों के द्वारा चीफ इंजीनियर को पंजाब सरकार के सचिव, निगरान इंजीनियर को पंजाब सरकार के विशेष सचिव के समान और इसी तरह ही सभी स्तरों पर काम कर रहे इंजीनियर्स को उनका बनता सम्मान और सुविधाएं देने की मांग की जाती रही है, पर पंजाब सरकार ने इन मांगों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की है। इन सबके बावजूद वे अपना काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से जारी रखे हुए हैं।
सोसायटी के नेताओं ने कहा कि छठे वेतन आयोग में पंजाब के अधिकारियों और कर्मचारियों को एचआरए और अन्य पर्सेंटेज बेस्ड अलाउंस सिर्फ बेसिक पे पर मिलेंगे और वह भी सिर्फ 80 फीसदी ही मिलेगा। महंगाई की दर मुद्रा स्फीती के प्रसार के साथ साथ तेजी से बढ़ेगी। इसलिए उनको पहले मिल रहे भत्तों को भी काम करना किसी भी तरह से सही नहीं है। इसलिए इन भत्तों को पहले की तरह ही पूरे वेतन के आधार पर 100 फीसदी ही जारी रखा जाए।
उन्होंने कहा कि समूह जूनियर्स इंजीनियर्स की मांगों को काउंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स, पंजाब के द्वारा अलग से सरकार के समक्ष जा रहा है और पंजाबी इंजीनियर्स वेलफेयर सोसायटी उनका भी पुरजोर समर्थन करती है और उनकी मांगों को भी सोसायटी की मांगों में शामिल समझा जाए।
इंजीनियर्स नेताओं ने कहा कि पंजाब के समूह विभागों, बोर्डों और कॉर्पोरेशनों आदि के इंजीनियर्स द्वारा पंजाब सरकार द्वारा लागू किए गए उपरोक्त फैसलों के खिलाफ एकजुटता दिखाई गई है और अगर पंजाब सरकार द्वारा उनकी उपरोक्त मांगों को ना माना जाए तो उनको काम छोड़कर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *