शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण बीना पेंशन ही सुप्रिटेंडेंट की हुई मौत, परिवार ने मुआवजा मांग

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चंडीगढ़, 13 जुलाई। यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग वेल्फेयर सोसाइटी चण्डीगढ को उस समय बहुत बड़ा धक्का लगा जब मकान का इंतजार करते करते उनका एक साथी और दुनिया को छोड़ गया। चरण सिंह शिक्षा विभाग से सुपरिटेंडेंट के पद से मई 2020 में रिटायर हुए थे लेकिन रिटायर होने के बाद अन्तिम समय तक शिक्षा विभाग ने उनको पेन्शन नहीं दी और वो रिटायरमेंट के लाभ ना मिलने और यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के तहत मिलने वाले फ्लैट के ना मिलने के कारण टेन्शन में ही स्वर्ग सिधार गये ।
चरण सिंह के परिजनों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने इतनी लापरवाही की कि चरण सिंह का पेन्शन का केस बिना सिग्नेचर ही एजी ऑफिस भेज दिया जिससे वो पेन्शन की फाइल शिक्षा विभाग और दूसरे सम्बन्धित विभागों में ही लटकती रही। समय पर पैसा ना मिलने के कारण चरण सिंह ज्यादा बीमार हो गये और बापू धाम में कोरोना ड्यूटी के दौरान फ्रंट ड्यूटी करते हुए सेनिटाइजर और फॉगिंग की वजह से चरण सिंह के लीवर में इन्फेक्शन हो गया था। कोविड ड्यूटी से पहले चरण सिंह बहुत स्वस्थ थे लेकिन कोविड ड्यूटी के कारण बीमार हो गये थे परन्तु शिक्षा विभाग की ओर से समय पर पेन्शन न मिलने के कारण टेन्शन और ज्यादा बढ़ी वो अपने लीवर का ईलाज नहीं करवा पाए। उनके लीवर में कोविड ड्यूटी के दौरान इन्फेक्शन हो गया था। यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग वेल्फेयर सोसाइटी चण्डीगढ प्रशासन से कोविड ड्यूटी के कारण बीमार होने के बाद दिवंगत हुए चरण सिंह के परिवार को 50 लाख रुपये बीमा देने की माँग करती है। इस सम्बन्ध में यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग वेल्फेयर सोसाइटी जल्द ही प्रशासक के सलाहकार से मिलेगी और चरण सिंह के परिजनों को 50 लाख बीमा देने की मांग करेगी। चरण सिंह जो हिमाचल के कांगड़ा से सम्बन्ध रखते थे ने शिक्षा विभाग चण्डीगढ प्रशासन में बतौर क्लर्क ज्वाइन किया था और 35 वर्ष सेवा करते हुए सुपरिटेंडेंट के पद से रिटायर हुए थे। चरण सिंह के परिजन उनके शव को पालमपुर लेकर गये जहाँ उनका अन्तिम संस्कार किया गया।

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