मानसून में जलभराव से निपटने के लिए तैयारी लगभग पूरी

Spread the love

चंडीगढ़, 22 जून । सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि विभाग द्वारा मानसून सीजन से पहले बाढ़ नियंत्रण के लिए सक्रिय तैयारियां की जा रही हैं। राज्य में कुल 846 नालों में से 671 नालों की सफाई की योजना बनाई गई थी, जिनकी कुल लंबाई 4040.23 किमी है। अब तक 3751.40 किमी (92.85%) नालों की सफाई MGNREGA, विभागीय मशीनरी तथा ई-टेंडरिंग के माध्यम से पूर्ण की जा चुकी है। शेष कार्य भी तीव्र गति से प्रगति पर है और शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 56वीं बैठक में, जो माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, कुल 209 अल्पकालिक बाढ़ नियंत्रण कार्यों को स्वीकृति दी गई थी। इनमें से 12 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 175 कार्य प्रगति पर हैं और इन्हें 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। 8 कार्य किसानों के विरोध एवं इको-सेंसिटिव ज़ोन में आने के कारण रुके हुए हैं। शेष 14 कार्य जल संरक्षण और सामग्री खरीद से संबंधित हैं, जिनकी खरीद प्रक्रिया प्रगति पर है। इन स्थलों पर अस्थायी व्यवस्था की गई है, जिससे बाढ़ की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ये कार्य भी शीघ्र पूर्ण कर लिए जाएंगे।
इसके साथ ही टांगरी नदी में 39.22 लाख घन मीटर सिल्ट हटाने का अनुमान है। तीन हिस्सों में विभाजित कार्य में दो हिस्सों के अनुबंध हो चुके हैं और कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त, कार्डन, बाब्याल और चांदपुरा गांवों की नगर निगम सीमा में भी सफाई जारी है। अब तक लगभग 5.75 लाख घन मीटर सिल्ट हटाई जा चुकी है, शेष कार्य टारगेट समय यानी 30 जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
वहीं मारकंडा नदी में कुल 65.47 लाख घन मीटर सिल्ट हटाने का अनुमान है। दो बार निविदा आमंत्रित की गई, लेकिन कोई बोली नहीं आई। इसके बाद 58,000 घन मीटर की प्राथमिक श्रेणियों के लिए पुनः टेंडर जारी किए गए। झांसा, कलसाना, गुमटी और जलबेरा गांवों में लगभग 60% कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष कार्य निश्चित समय तक पूरा कर लिया जाएगा। हटाई गई मिट्टी का उपयोग अम्बाला एवं कुरुक्षेत्र जिलों में तटबंधों को मजबूत करने व अन्य विकास कार्यों में किया जा रहा है। टांगरी और मारकंडा नदियों में आई टूट-फूट की सभी साइट्स की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य भी पूरा कर लिया गया है, जिससे भविष्य में बाढ़ की संभावना को काफी हद तक कम किया गया है।
मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि सरस्वती नदी, जो आदि बद्री (यमुनानगर) से लेकर घग्गर नदी में मिलन तक बहती है, लगभग 190 किमी लंबी है और यमुनानगर, कुरुक्षेत्र तथा कैथल जिलों से होकर गुजरती है। इसकी 8 सहायक नदियां हैं जिनकी कुल लंबाई लगभग 101 किमी है। सरस्वती नदी और इसकी सहायक नदियों में आंतरिक सफाई कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है जिसमें लगभग 85% कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष कार्य 25 जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम मानसून से पहले पूर्ण बाढ़ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्य की प्रतिदिन विभाग से रिपोर्ट ली जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *