चंडीगढ़ । नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस काउंसिल ऑफ इंडिया, चंडीगढ़ की एक बैठक कमलजीत सिंह पंछी के नेतृत्व में लेक क्लब, सुखना लेक, चंडीगढ़ में आयोजित की गई। प्राथमिक फोकस चंडीगढ़ प्रशासन की एक पहल, “भिखारी मुक्त चंडीगढ़” अभियान पर चर्चा और समर्थन करना था। 21 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, 2024 तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य शहर में भिक्षावृत्ति को खत्म करना और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए दयालु विकल्पों को बढ़ावा देना है।
पंछी ने चंडीगढ़ के नागरिकों से इस महत्वपूर्ण अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य न केवल भिक्षावृत्ति को खत्म करना है बल्कि बाल तस्करी और बाल श्रम से भी निपटना है। उन्होंने काउंसिल के सदस्यों को चंडीगढ़ को भिखारी मुक्त और अधिक सुंदर शहर बनाने के इस सामूहिक प्रयास में जागरूकता बढ़ाने और जनता का मार्गदर्शन करके योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। सदस्यों ने प्रशासन द्वारा अनुशंसित निर्दिष्ट “नेकी की दीवार” स्थानों पर आवश्यक चीजें उपलब्ध कराने सहित अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
पंछी और अन्य सदस्यों ने इस पहल के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की सराहना की और प्रशासक से अभियान को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ाने का अनुरोध किया, यह देखते हुए कि मौजूदा आठ दिन की अवधि (21 अक्टूबर से 28 अक्टूबर) वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए अपर्याप्त हो सकती है। इसके अतिरिक्त, काउंसिल के सदस्यों ने ट्रैफिक सिग्नलों और चौराहों पर भिखारियों को पैसे न देने या बच्चों से सामान न खरीदने की प्रतिबद्धता जताई। इस कदम का उद्देश्य भिक्षावृत्ति, बाल श्रम और तस्करी को हतोत्साहित करना है। यह भी निर्णय लिया गया कि जन जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान दिशानिर्देशों वाले पर्चे वितरित किए जाएंगे।
बैठक में अनिल वोहरा, एलसी अरोड़ा, एचएस मोंगा, एसए खान, अमित जैन, नरेश बंसल, मानव बेदी, रविंदर नाथ, आरके शर्मा, विकास बत्ता, धीरज वडेरा, अरविंदर सोढ़ी, संजीव कपूर, गुरुमीत सिंह, दीपक गिरी, सुरेश बंसल, रवि कुमार और अन्य पदाधिकारी सदस्य शामिल हुए।
नेशनल ह्यूमन राइट्स ने की भिखारी मुक्त चंडीगढ़ अभियान पर चर्चा
