चंडीगढ़ । श्री राम जीवन ज्ञान व भक्ति रस के नये-नये रूप भक्तों को दिखाते हैं। उत्तराखंड रामलीला कमेटी, मौली कॉम्प्लेक्स में रामलीला के कलाकारों ने भगवान श्री राम व शबरी जी का भक्ति भाव वाला दृश्य मंचित किया गया। जिसमें यह संदेश दिया गया कि भक्तों की भगवान के प्रति अटूट विश्वास और आस्था रखनी चाहिए।
श्रीराम जब शबरीजी के आश्रम में आये तो शबरी मुनि मतंग के वचनों का स्मरण कर मन में प्रफुल्लित हो गई। उनके जीवन का लक्ष्य उन्हें प्राप्त हो गया। श्रीराम-लक्ष्मण को अपने द्वार पर प्रवेश करते ही उनके चरणों में शबरीजी लिपट गई, मानों अंधे को अपनी दोनों नेत्र यकायक मिल गये। वे प्रेम में मग्न हो गईं, मुख से वचन नहीं निकलता। बार-बार चरण-कमलों में सिर नवा रही हैं। फिर उन्होंने जल लेकर आदरपूर्वक दोनों भाइयों के चरण धोए और फिर उन्हें सुंदर आसनों पर बैठाया। रामलीला में मंचित यह दृश्य दर्शकों के लिए सुखदायक था। इस दृश्य ने सभी को भाव विभोर कर दिया।
दृश्य में दिखाया गया कि भगवान श्रीराम ने शबरी द्वारा श्रद्धा से भेंट किए गए बेरों व अन्य सुरस फलों को बड़े प्रेम से खाये l
प्रभु राम इन फलों को बहुत ही प्रेम सहित व मन से ग्रहण करते हैं। मानों उन्होंने शबरी के झूठे बेर के लिए ही वनवास बड़े प्रेम से स्वीकारा हो ! वहीं लक्ष्मण जी यह सब देखकर विस्मित है ! मन ही मन कह रहे है प्रभु की अब यह कौन-सी लीला है ? लक्ष्मण जी इस लीला का आनंद भी ले रहे है।
फिर शबरी अपने प्रभु को देखकर प्रेम से भर गई। उन्हें कुछ सुधबुध ही नहीं है कि अब आगे क्या कहें ? कैसे स्वयं परमात्मा से कुछ कहें ? शबरी अपने को अत्यंत मूढ़बुद्धि मानने लगी। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रभु सामने बैठे है और उनकी स्तुति कैसे करे। श्रीराम ने शबरी के मन को शांत करते हुए कहा कि हे भामिनि ! मुझे अपने सभी भक्त प्यारे है। मैं किसी भी तरह की ऊंच-नीच को नहीं मानता। प्रभु श्रीराम के लिए अपना भक्त परमप्रिय है।
यह नवधा भक्ति रस बरसाने के बाद प्रभु श्रीराम शबरी से कहते है कि इन नवों में से जिनके पास एक भी होती है, वह स्त्री-पुरूष, जड़-चेतन कोई भी हो- मुझे वह अत्यंत प्रिय है। ओर फिर प्रभु श्रीराम शबरी को प्रेममय होकर कहते है, हे भामिनि ! फिर तुझमें तो सभी प्रकार की भक्ति दृढ़ है।
कमेटी के निर्देशक हरीश डडरियाल ने बताया कि प्रभु श्रीराम की भूमिका नितेश धौलाखंडी, लक्ष्मण गौरव धौलाखंडी, सबरी की भूमिका प्रियंका केष्टवाल द्वारा किया गया।