चंडीगढ़, 2 जुलाई। चंडीगढ़ पुलिस के साइबर-क्राइम सेल ने मानसिक स्वास्थ्य पर अपने कर्मियों के लिए डॉ मोहित कौशिक के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में मानसिक स्वस्थ्य को लेकर बातचीत हुई और ऐसे पहलुओं का जिक्र हुआ जिन्हे मत्वपूर्ण नहीं समझा जाता परन्तु जिनका दुष्प्रभाव न केवल हमारे मानसिक स्वस्थ्य पर होता है अपितु अन्य शारीरिक समस्याएं जैसे बीपी, शुगर आदि को भी जन्म देती है। इस सत्र को सेल के 50 कर्मियों सहित चंडीगढ़ साइबर क्राइम सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर दविंदर सिंह ने भाग लिया।
हमारे सुरक्षा कर्मियों को बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है चाहे वह सीमा पर हो या शहर में। स्वस्थ दिमाग से ही ऐसी स्थितियों से निपटा जा सकता है। डॉ कौशिक के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को आमतौर पर गंभीरता से नहीं लिया जाता और कुशलता पर प्रभाव डालना शुरू कर देता है जो एक पुलिस वाले के लिए अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि कई जीवन, नागरिकों का विश्वास उन पर निर्भर करता है।
डॉ. मोहित कौशिक ने कहा, “हर जगह साइबर अपराध बढ़ने के साथ, पुलिस की नौकरी शारीरिक से ज्यादा मानसिक हो गई है और इसलिए अपराध को नियंत्रित करने के लिए तनाव का स्तर भी अधिक है। आयुर्वेद ने ऐसी स्थितियों को चुनौती देने और जीतने के लिए अद्वितीय और चिकित्सकीय रूप से सिद्ध उपचार और तरीके दिए हैं। जैसे ब्राह्मी एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग चिंता और तनाव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है जो पाउडर और कैप्सूल के रूप में आसानी से उपलब्ध होता है। यह सेरेब्रो स्पाइनल फ्लूड (सीएसएफ) के मैग्नीशियम स्तर को संतुलित करने में मदद करता है जो न्यूरॉन्स को पोषण प्रदान करता है और इसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होते।