पूरे पंजाब के रिलायंस स्टोरस के मालिकों ने पंजाब के मुख्यमंत्री को स्टोर खोलने में मदद के लिए सौंपा ज्ञापन

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चंडीगढ़, 30 जून। पंजाब भर में अपने विभिन्न व्यवसायों के संचालन के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपने परिसर किराए पर देने वाले बड़ी संख्या में स्टोर और भवन मालिकों ने आज यहां पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। इन मालिकों ने मुख्यमंत्री से इस संबंध में हस्तक्षेप करने और संबंधित अधिकारियों को कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह देने और उन्हें अपने स्टोर सुरक्षित रूप से खोलने की अनुमति देने का आग्रह किया है, जो पिछले 8 महीनों से पूरे राज्य में किसान आंदोलन के नाम पर जबरदस्ती बंद करवा दिए गए हैं।
मालिकों ने कहा कि वे गहरे वित्तीय संकट में हैं और दिवालियापन की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि उन्हें पिछले 7-8 महीनों से कोई किराये की आय नहीं मिल रही है क्योंकि आंदोलनकारी किसानों द्वारा रिलायंस के सभी रिटेल स्टोर्स को जबरन बंद कर दिया गया है और उन्होंने विभिन्न आउटलेट्स के बाहर अपने शामियाना और टेंट्स आदि लगा रखे हैं। रिलायंस के पंजाब में करीब 275 स्टोर हैं, जो सभी बंद हैं।
कपूरथला के प्रभनूर सिंह वालिया ने कहा कि ‘‘हम करोड़ों में नुकसान उठा रहे हैं क्योंकि इमारतें बैंकों से लोन लेकर खरीदी और बनाई गई हैं, और हमें भारी ईएमआई, नगरपालिका कर, बिजली और पानी के शुल्क आदि का बोझ उठाना पड़ता है। इसके अलावा लाखों श्रमिकों, कर्मचारियों और उनके परिवारों की आजीविका पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अगर हम स्टोर खोलते हैं तो किसान नेताओं ने हमें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। हमने जिला पुलिस और अन्य स्थानीय अधिकारियों से भी संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हम संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं और ‘किसान जत्थेबंदियों’ से भी दो बार मिल चुके हैं और अपनी चिंताओं को उठाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कंपनी के साथ समझौते के अनुसार, यदि बिलिंग नहीं है या आंदोलन आदि के कारण स्टोर बंद है तो कोई किराये का भुगतान नहीं किया जा सकता है।’’
जगराओं के धर्मपाल सिंह नैन ने कहा कि ‘‘हम सभी पंजाबी हैं और पूरी तरह से किसानों का समर्थन करते हैं, लेकिन रिलायंस के स्टोर को जबरन बंद करने से केवल पंजाब को नुकसान हो रहा है क्योंकि रिलायंस स्थानीय रूप से बहुत सारे उत्पाद खरीदती है, पंजाबियों को भारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती है और राज्य को भारी करों का भुगतान करती है। कोई भी कॉरपोरेट कंपनी भविष्य में राज्य में निवेश करने में दिलचस्पी नहीं लेगा, अगर उन्हें शांति से काम करने की अनुमति नहीं है।’’
जालंधर के निर्मल सिंह ने कहा कि ‘‘हमने ऋण उधार लिया है और अपनी सारी मेहनत की कमाई को संपत्तियों में निवेश किया है, लेकिन इस तरह जबरन बंद करना हमें बर्बाद कर रहा है। अन्य सभी राज्यों में उनके स्टोर खुले हैं। लेकिन पंजाब में, किसान उन दुकानों को भी खोलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं जो आवश्यक सेवाओं के तहत हैं, इसलिए हम यहां सीएम से मदद का अनुरोध करने के लिए हैं।’’
तरण तारन से मानव संधू ने कहा कि ‘‘हम किसान संगठनों से भी अपील करते हैं कि वे सरकार के खिलाफ अपना विरोध शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखें लेकिन रिलायंस को अपने स्टोर खोलने की अनुमति दें। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पहले ही एक नियामक फाइलिंग में कहा है कि उसकी अनुबंध या कॉर्पोरेट खेती में प्रवेश करने की कोई योजना नहीं है और उसने अनुबंध खेती के उद्देश्य से भारत में कोई कृषि भूमि नहीं खरीदी है।’’
मुख्यमंत्री के ओएसडी संदीप सिंह बराड़, जिन्होंने पीडि़त भवन मालिकों से बातचीत की, उन्हें हर संभव सहायता सुनिश्चित की और इसे मुख्यमंत्री के साथ उठाने का वादा किया। उन्होंने स्वीकार किया कि ‘‘कानून और व्यवस्था बनाए रखना हमारा कर्तव्य है और व्यापार को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने में मदद के लिए आपकी सभी मांगें पूरी तरह से न्यायसंगत हैं।’’

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