79 वीं आल इंडिया ऑप्थल्मोलॉजी सोसायटी के वार्षिक कांफ्रेंस में चंड़ीगढ़ के दो वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक हुए सम्मानित

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चंडीगढ़, 29 जून। आल इंडिया ऑप्थल्मोलॉजी का वार्षिकोत्सव 24 जून से 27 जून तक ऑनलाइन आयोजित हुआ। ग्रेवाल आई इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर रेटिना व पीजीआई एडवांस्ड ऑय डिपार्टमेंट के पूर्व हेड व प्रोफेसर डॉ मंगत राम डोगरा को नेत्र चिकित्सा जगत का प्रतिष्ठित अवार्ड डॉ नेम्पेरुमालसमी एंडोमेंट लेक्चर अवार्ड हासिल हुआ। अवार्ड में साइटेशन, शॉल, मोमेंटो व 1 लाख का चेक भी प्रोफेसर डोगरा को मिले। डॉ डोगरा ने साइंस ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी एंड माइ फिलॉसफी पर अपना लेक्चर दिया प्रोफेसर डोगरा ने अब तक 3336 साइटेशन दी है व नेत्र चिकित्सा जगत को महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
जारी एक बयान में बताया गया कि डॉ मनप्रीत बराड़, पूर्व इंटरनेशनल रेटिना फेलो कैलिफोर्निया व वर्तमान कंसल्टेंट रेटिना सर्विसेज ग्रेवाल आई इंस्टीट्यूट को आई जे ओ सर्टिफिकेट आफ मेरिट अवार्ड से नवाजा गया है। डॉ मनप्रीत ने ट्यूबरकुलर कोरोडाइटिस पर इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में छपे पेपर पेश किया । डॉ एसपीएस ग्रेवाल, फाउंडर ग्रेवाल आई इंस्टीट्यूट ने बताया कि ग्रेवाल आई इंस्टिट्यूट नार्थ इंडिया में आई केयर रिसर्च व इन्नोवेशन द्वारा नेत्र चिकित्सा जगत में अपना योगदान बखूबी निभा रहा है ।
देश भर में इतने सारे एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) आने से समय से पहले जन्म लेने वाले काफी बच्चे बचा लिए जाते हैं। हालांकि इन समय से पहले जन्मे बच्चों में समय से पहले रेटिनोपैथी विकसित होने का बहुत अधिक जोखिम होता है और यदि समय पर निदान और उपचार नहीं किया जाए तो बच्चा रोशनी खो बैठता है। डॉ. डोगरा ‘प्रीमैच्योरिटी रेटिनोपैथी’ की रिसर्च में अग्रणी रहे हैं और देश भर के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत उनके रिसर्च वर्क की काफी सराहना की गई है। उन्होंने व्यावहारिक रूप से देश के हर बड़े शहर में नेत्र रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञों से आरओपी पर बातचीत की और उन्हें इस बीमारी से अवगत कराया। उन्होंने इन बच्चों में इनक्यूबेटर के ग्लास के माध्यम से लेजर करने की एक तकनीक और एडवांस मामलों के लिए एक विशेष शल्य चिकित्सा तकनीक का भी आविष्कार किया, जिसे उन्होंने “आल नेजल अप्प्रोच” कहा है। नेत्र रोग विशेषज्ञों की दुनिया में उन्हें भारत के लिए ‘प्रीमैच्योरिटी रेटिनोपैथी’ का जनक कहा जाता है।
इंडियन जोपुनल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में डॉ मनप्रीत बराड़ द्वारा प्रकाशित एक अग्रणी कार्य को मेरिट के पुरस्कार के लिए चुना गया है। इसे जर्नल में सर्वश्रेष्ठ प्रकाशनों के लिए सम्मानित किया गया है। उनका काम “वाइड-फील्ड स्वेप्ट सोर्स ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी एंजियोग्राफी और ट्यूबरकुलर सर्पिगिनस-जैसे कोरॉइडाइटिस में फंडस ऑटोफ्लोरेसेंस की तुलना है। इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी। 2020;68(1):106-211” यह अग्रणी कार्य आंख के टी बी के निदान में मदद करता है। अंधापन को रोकने के लिए प्रारंभिक निदान और उपचार अति आवश्यक है।

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