चंडीगढ़, 23 जून। यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर जैम पोर्टल के माध्यम से ठेकेदारों द्वारा रखे कर्मचारियों का टैन्डर खत्म होने से पहले न लगाने तथा टैन्डर लगने तक उनके समय में बढ़ोतरी न करने के खिलाफ बिजली कर्मियों द्वारा आज से संघर्ष की शुरूआत कर दी है। संघर्ष के पहले दिन आज 23 जून को डिविजन नंबर 4, सैक्टर 34 के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों ने बिजली दफ्तर सैक्टर 34 के सामने दिनभर धरना दिया।
धरने को सम्बोंधित करते हुए यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोषी, संयुक्त सचिव अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, कष्मीर सिंह, दलेर सिंह, रणजीत सिंह, जसमेर सिंह, मूलचन्द, लखविन्दर सिंह, विजय अग्रवाल, सोहन लाल के अलावा फैड़रेषन के उपाध्यक्ष राजेन्द्र कटोच, हरकेष चन्द्र, हरपाल सिंह, एम. सुब्रामण्यम आदि ने कहा कि आउटसोर्स पर रखे गये ड्राईवर, एलडीसी, सहायक लाईनमैन, लाईनमैनों का टैन्डर जल्दी लगाने व टैन्डर जारी करने तक सभी कम्रचारियों का समय शीघ्र बढ़ाया जाय व वेतन का भुगतान किया जाये। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार व प्रषासन एक साजिष के तहत विभाग को बदनाम कर खत्म करना चाहती है क्योंकि बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। विभाग कई सालों से सस्ती व निर्विघ्न बिजली देने के बावजूद मुनाफा कमा रहा है। लाईन लास 10 प्रतिषत से कम है। बिजली की दरें इस साल और घटी हैं लेकिन प्रषासन को यह बात हजम नहीं हो रही है इसलिए इसके विपरीत न कर्मचारी भर्ती किये जा रहे हैं न सामान का इन्तजाम कया जा रहा है न सुरक्षा उपकरण दिये जा रहे हैं न कोई प्रौजैक्ट या डेवलेपमेंट के काम को लिए टैन्डर मंजूर किये जा रहे हैं। प्रषासन सिर्फ व सिर्फ रातदिन निजीकरण की प्रक्रिया में व्यस्त है व सारा सिस्टम इसी काम में लगा है।
वक्ताओं ने आगे कहा कि विभाग में 1780 संषोधित पोस्टें हैं जिनको पिछले 2-3 सालों से नहीं भरा जा रहा है। यहां तक कि अब प्रमोषन देना भी बन्द कर दिया है। जिस कारण नियमित कर्मचारियों की गिनती सिर्फ 625 रह गई है जबकि काम कई गुणा बढ़ गया है। जरूरी काम को चलाने के लिए 4-5 साल पहले संषोधित पोस्टों पर 250 सहायक लाइनमैन, 30 लाइनमैन, 50 क्लर्क बकायदा टैस्ट लेकर रखे थे। उसी तरह 41 ड्राईवर रखे थे लेकिन आज जानबूझकर इनके टैन्डर न लगाकर व समय न बढ़ाकर इस गर्मी में समूचा सिस्टम खत्म कर जनता को परेषानी में डाला जा रहा है ताकि जनता में विभाग की छवि खराब हो जाये व सरकार व प्रषासन को निजीकरण करने में आसानी हो जाये। इस बात का पर्दाफाष करना जरूरी है। वक्ताओं ने हैरानी जताई कि सरकार की इस साजिष से विभाग का एसई भी शामिल है जो कोई भी काम करने को तैयार नहीं।
वक्ताओं ने सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवायें जारी रखने की मांग करते हुए जनता से इस संघर्ष में सहायता करने की अपील की ताकि प्रषासन का मंसूबा सफल न हो पायें। वक्ताओं ने इसी कड़ी में कल 24 जून को बिजली दफ्तर 19 में प्रर्दषन करने व इ संघर्ष को जारी रखते हुए 15 दिन बाद मुकम्मल हड़ताल का आह्वान किया।