विद्यार्थियों ने “योग के साथ रहें, घर पर रहें” थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया

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चंडीगढ़, 21 जून। प्रतिवर्ष 21 जून 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। इसबार भी देशभर में सोमवार को 7वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। हर साल योग दिवस पर अलग थीम रखा जाता है इस बार का यह थीम “योग के साथ रहें, घर पर रहें” (वी विद योगा, बी एट होम) रखा गया। इसलिए सरकारी मॉडल स्कूल 35 चंडीगढ़ के विद्यार्थियों ने थीम के साथ कोरोना काल में सोशल नेटवर्किंग माध्यम से अपने स्पोर्ट्स टीचर कुलदीप मेहरा के मार्गदर्शन में घर पर रहकर सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। वहीँ स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र गोसाईं ने योग दिवस पर शुभकामनाएं दी।
स्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र गोसाईं ने बताया कि वर्तमान समय में योग की भूमिका बहुत अहम हो गई है। इस वर्ष कोरोनाकाल में वैश्विक महामारी (कोविड 19) के कारण लोगों को ऐसी थीम दी गई है, जो शरीर और स्वास्थ्य को बढ़ावा देगी। इस समय जो स्थिति बनी हुई है, उस कारण इस बार भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए विशेष थीम (विषय) “योग के साथ रहें, घर पर रहें” (वी विद योगा, बी एट होम) दिया गया हैं ताकि अंतराष्ट्रीय विश्व योग दिवस का आयोजन सफल हो सके। इसलिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स का सहारा लिया जा रहा है। इसी कड़ी में हमारे सरकारी मॉडल स्कूल-35, चंडीगढ़ के विद्यार्थियों ने भी प्रतिभागिता निभाई और घर पर रहकर ही अपने स्पोर्ट्स टीचर कुलदीप मेहरा एवं अन्य स्कूल टीचरों के मार्गदर्शन में सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से योगासन करके सातवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया।
स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर एवं योगा फेडरेशन ऑफ इंडिया के नेशनल योगा रेफरी कुलदीप मेहरा ने बताया कि योग करने से शरीर पूर्णतया स्वस्थ एवं स्वच्छ तो रहता ही है इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता भी बढ़ती है।
उन्होंने बताया कि भारत ही योग का जनक है क्योंकि हमारे वेद, उपनिषद्, भगवद गीता, हठयोग प्रदीपिका, योग दर्शन, शिव संहिता और विभिन्न तंत्र ग्रंथों में योग विद्या का उल्लेख मिलता है। सभी को आधार बनाकर पतंजलि ने योग सूत्र लिखा। जो योग पर लिखा गया सर्वप्रथम सुव्यव्यवस्थित ग्रंथ है। योगसूत्र को महऋषि पांतजलि ने 200 ई. पूर्व लिखा था। इस ग्रंथ पर अब तक हजारों भाष्य लिखे गए हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है इसलिए ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
आगे मेहरा ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों के कारण ही आज सम्पूर्ण विश्व “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” मना रहा है। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अधिवेशन में प्रस्ताव रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। इसलिए मोदी जी ने लोगों को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करने की मंशा से सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अधिवेशन में इसका प्रस्ताव रखा था। उसके बाद संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्य देशों के पूर्ण बहुमत से मंजूरी मिल गई और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। तदुपरांत वर्ष 2015 से ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाने लगा।

21 जून 2015 में भारत ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किये थे:-

भारत में ही 21 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणमान्य लोगों सहित करीब 36000 लोगों ने नई दिल्ली में योग दिवस के लिए 35 मिनट तक 21 योगासन (योग मुद्राओं) का प्रदर्शन किया था। जिसमें राजपथ पर हुए इस समारोह में दो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की स्थापना हुई थी। सबसे बड़ी योग क्लास जिसमें 35,985 लोगों ने भाग लिया और दूसरा एक साथ 84 देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में भाग लेने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। उस समय इस रिकॉर्ड को स्वयं आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने ग्रहण किया था।

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