चंडीगढ़, 11 दिसंबर। सीमा सुरक्षा बल पश्चिमी कमान, चंडीगढ़ ने सोमवार 11 दिंसबर को भारत-पाक सीमा पर सीमा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने के लिए बीएसएफ परिसर चंडीगढ़ में एक वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।
भा0पु0.सेवा, विशेष महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल, पश्चिमी कमान योगेश बहादुर खुरानिया ने राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बताया कि 01 दिसंबर 1965 को सीमा सुरक्षा बल को 25 बटालियनों के साथ ‘सुरक्षा की पहली पंक्ति‘के रूप में स्थापित किया गया था। अब यह बल भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर तैनात 2.65 लाख से अधिक बहादुर पुरुषों और महिलाओं की ताकत के साथ एयर विंग, वाटर विंग, आर्टिलरी रेजीमेंट सहित दुनिया के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल के रूप में विकसित हुआ है। जहां तक पश्चिमी कमान चंडीगढ़ का संबंध है, यह 03 सहायक प्रशिक्षण केंद्रों के अलावा कश्मीर, जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे 05 सीमाओं के साथ भारत-पाकिस्तान सीमा पर प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
दुर्गम भू-भाग और कठोर जलवायु परिस्थितियों के बावजूद, बीएसएफ के जवान प्रभावी रूप से सीमा-पार अपराधों जैसे घुसपैठ, नशीले पदार्थों, हथियारों/गोला-बारूद आदि की तस्करी को रोक रहे हैं। दुश्मन के नापाक इरादों को नाकाम करने के बीएसएफ के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, विशेष महानिदेशक ने अवगत कराया कि वर्ष 2023 में, बीएसएफ द्वारा विभिन्न अभियानों के दौरान कुल 755 किलोग्राम मादक पदार्थ, 15 राइफलें और 38 पिस्तौल जब्त किए गए, इसके अलावा 36 पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़ा गया और अंतर्राष्ट्रीय सीमा/नियंत्रण रेखा पर 09 पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेअसर किया गया। वर्ष के दौरान, बीएसएफ ने सीमा पर शुरू किए गए विभिन्न खोजी-अभियानों के दौरान कुल 95 ड्रोन बरामद किए।
गृह मंत्रालय द्वारा पंजाब राज्य में बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के साथ, बीएसएफ ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर लगातार वाहन गश्त, अस्थायी चैकियों की स्थापना, नाका, मोबाइल चेक पोस्ट द्वारा आंतरिक इलाकों में वर्चस्व बढ़ाया है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्र विरोधी तत्वों की अवैध गतिविधियों को सफलतापूर्वक रोका गया है।
देश की सीमाओं की सुरक्षा की मुख्य जिम्मेवारी के अलावा, पश्चिमी कमान के तहत बीएसएफ के जवान बाढ़ और अन्य प्रा.तिक आपदाओं के दौरान सीमावर्ती आबादी की मदद भी कर रहे हैं। हाल ही में मानसून के मौसम में जब सीमावर्ती जिले फिरोजपुर और अबोहर लगातार बारिश होने और रावी एवं सतलज नदियों के पानी के अतिप्रवाह के कारण बाढ़ से जलमग्न हो गए थे, बीएसएफ के जवानों ने 10 बड़े बचाव अभियान चलाए और लगभग 2000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। 18 बटालियन सीमा सुरक्षा बल एवं वाटर विंग भुज के जवानों ने चक्रवाती तूफान ‘विपरजाॅय’ के दौरान बड़ी सक्रिय भूमिका अदा की और ठुमरी, गुनाओ एवं वलवारीबंड गांवों के 150 लोगों को बी एस एफ आउटपोस्ट में शिफ्ट किया। वर्ष 2023 के दौरान, बीएसएफ ने कश्मीर, जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों, युवाओं के लिए भर्ती पूर्व प्रशिक्षण और सीमावर्ती आबादी के लिए खेल टूर्नामेंटों के अलावा 39 चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन किया।
विशेष महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल, पश्चिमी कमान ने बल में 19450 कांस्टेबलों (2913 महिला भर्ती सहित) की भर्ती करके जनशक्ति की मौजूदा कमी को दूर करने के बल के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। पश्चिमी कमान के अंतर्गत कश्मीर/ऊधमपुर/खड़का और जोधपुर (राजस्थान) में 5069 भर्ती किए गए प्रशिक्षु बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रशिक्षण के 2-3 सप्ताह पूरे कर लिए हैं।
विशेष महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल, पश्चिमी कमान ने सीमा प्रबंधन में लगातार लगे सैनिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए ई-आवास, आयुष्मान सीएपीएफ, ई-टिकटिंग, सीएलएमएस (केंद्री.त शराब प्रबंधन प्रणाली) आदि जैसे विभिन्न कल्याणकारी उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया। अंत में, सीमा सुरक्षा बल के विशेष महानिदेशक ने दोहराया कि कई चुनौतियों के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर तैनात बीएसएफ के जवान अपने जिम्मेवारी के इलाके में सीमा सुरक्षा बल के आदर्श वाक्य ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के अनुरूप प्रभावी ढंग से हावी रहे हैं।