चंडीगढ़, 6 दिसंबर। कलाग्राम में स्वाद और रंगत का यह मेला अभी चार दिनों तक सजा रहेगा। सिटी ब्यूटीफुल में पहुंचे देशभर के शिल्पियों के हुनर की लोग कद्रदानी कर रहे हैं। लोग न केवल कलाकारों की कला को सराहा रहे हैं, बल्कि उनके हस्तनिर्मित उत्पादों की खूब खरीदारी कर रहे हैं। शरद मौसम में कलाग्राम सांस्कृतिक, कला और हुनर का केंद्र बना हुआ है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी) और चंडीगढ़ प्रशासन के संयुक्त उद्यम, 10 दिवसीय चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेले में उनका बुलंद उत्साह दिखाई दे रहा सौंदर्यपूर्ण और पारंपरिक रूप से स्थापित स्टालों पर बनारसी रेशम, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सूती वस्त्र, गुजरात और राजस्थान के जातीय आभूषण, कालीन, टेराकोटा और मिट्टी के बर्तनों की वस्तुएं और पश्चिम बंगाल के सूखे फूल जैसे उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है। बिक्री पर जूते, कालीन, घर की सजावट, फर्नीचर और खाने के स्टॉल जैसे विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं। इस दौरान सुबह के समय विभिन्न स्कूलों से आए छात्र मेले में घूमे और खरीदारी भी की।
प्राचीन ग्रंथों पर आधारित कलाकृति व मधुबनी पेंटिंग बनी आकर्षण:
बिहार के कारीगर बागेश और नागेश कुमार प्रकृति और प्राचीन ग्रंथों पर आधारित अपनी जटिल कलाकृति, मधुबनी पेंटिंग का प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों को एथनिक वियर, क्रॉकरी, कटलरी आइटम, कृत्रिम आभूषण, गलीचे आदि जैसे उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला से आइटम उठाते देखा गया।
पंजाब के लुड्डी तो उत्तराखंड के छपेली नृत्य पर थिरक रहे पर्यटक:
बुधवार को कलाग्राम शिल्प मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 11 बजे पंजाब के कलाकारों की ओर से लुड्डी की प्रस्तुति से हुई। इसके बाद उत्तराखंड के कलाकारों द्वारा छपेली, जम्मू-कश्मीर के कलाकारों द्वारा बचा नगमा, छत्तीसगढ़ कलाकारों द्वारा कर्मा, मध्य प्रदेश का गुड़म बाजा, हरियाणा का घूमर, राजस्थान से काईबेलिया, ओडिशा का मलखंभ और पंजाब की ओर से पंजाब पुलिस ट्रोप की प्रस्तुति हुई। इसके बाद शाम 4 बजे के सत्र में सुक्खी बराड़ की ओर से पंजाबी लोक संगीत पेश किया गया। वहीं मध्यप्रदेश से राई, दादरा एवं नगर हवेली की टीम द्वारा मच्छी, मिजोरम के कलाकारों द्वारा चिरो, मेघालय द्वारा वांगला, त्रिपुरा की टीम द्वारा होजागिरी, असम के कलाकारों की ओर से बिहू और मणिपुर की ओर से लाई हरोबा एवं थंगेता की मनमोहक प्रस्तुति हुई। इसके अलावा राजस्थान की लोक कला कच्ची घोड़ी, बहरूपिया, कठपुतली की प्रस्तुति के बाद पंजाब की ओर से बाजीगर और हरियाणा कलाकारों द्वारा बीन जोगी और नगाड़ा की प्रस्तुति हुई।
आज(वीरवार ) को ये कार्यक्रम रहेंगे आकर्षण का केंद्र
मेले में वीरवार को मध्य प्रदेश के कलाकारों की ओर से राई लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ दिन का आगाज किया जाएगा। इसके बाद दादरा एवं नगर हवेली के कलाकारों की ओर से मच्छी, हरियाणा के कलाकारों द्वारा फाग, जम्मू-कश्मीर के कलाकारों की ओर से धमाली, मिजोरम कलाकारों की ओर से चिराव, मेघालय कलाकारों की ओर से वांगला, असम कलाकारों द्वारा बीहू और तमिल नाडु कलाकारों के द्वारा करगम कावड़ी की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके साथ ही शाम के सत्र में लद्दाख के कलाकारों की ओर से लोक नृत्य बाल्टी, जम्मू-कश्मीर की ओर से डोगरी, वेस्ट बंगाल के कलाकारों द्वारा राईबेंस , उत्तराखंड के कलाकारों द्वारा घसियारी, पंजाब के कलाकारों की ओर से लुड्डी, उत्तर प्रदेश की ओर से मयूर और मणिपुर की ओर से लाई हरोबा एवं थांगटा की प्रस्तुति होगी। इस दौरान भारतीय संस्कृति के विषय पर क्विज प्रतियोगिता भी होगी। इस दौरान राजस्थान के कलाकारों द्वारा कच्छी गोरी, बहरुपिया, कठपुतली/ पपेट शो भी होगा। वहीं पंजाब की ओर से बाजीगर, नचर और हरियाणा के कलाकारों की ओर से नगाड़ा और बीन जोगी की प्रस्तुति होगी। वहीं म्यूजिकल नाइट में उत्तराखंड की मशहूर लोक गायिका माया उपाध्याय की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति होगी। माया अब तक 2000 से भी ज्यादा गीत गा चुकी हैं। उनके लगभग सभी गाने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धूम मचाते हैं। उनका हाल ही में आया हुआ गाना क्रीम पौडरा लोगों को काफी पसंद आ रहा है।