चंडीगढ़, 17 जून। पंजाब भर के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के संबंध में पेश आ रही मुश्किलों के संबंध में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा लगातार भेजे गए कई नोटिसों को नजरअंदाज करने के बाद आज आखिरकार पंजाब सरकार ने अपने तीन अधिकारियों के माध्यम आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के समक्ष अपना पक्ष रखा।
आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय में तीन घंटे चली इस सुनवाई में समाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव श्रीमती राजी.पी श्रीवास्तवा; हायर एजूकेशन के प्रधान सचिव रमेश कुमार गंटा एवं समाजिक न्याय, अधिकारिता के डायरेक्टर एमएस जगगी, आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी एवं पूछे प्रश्रों का जवाब नहीं दे पाए।
आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने 29 जून की तारीख देते हुए पंजाब की मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के आदेश देते हुए उन्हें लेटेस्ट एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप संबंधी सारी फाइलें, केस डायरी आदि भी लेकर आने को कहा है। गौरतलब है कि मुख्य सचिव पंजाब ने आयोग के चेयरमैन से आज (17 जून) की सुनवाई के लिए व्यक्तिगत हाजिरी की छूट मांगी थी।
अगर पंजाब सरकार आयोग द्वारा 25 मई व उसके बाद 7 व 10 जून को भेजे गए नोटिसों का जवाब दे देती तो अधिकारियों को दिल्ली तलब न करना पड़ता। दुर्भागयपूर्ण है कि आज भी पंजाब सरकार के अधिकारी तैयारी करके नहीं आए थे।
सांपला ने कहा कि भारत के अनुसूचित वर्ग को देश के संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों को सुनिश्चित करना आयोग के चेयरमैन के नाते मेरा कर्तव्य है।