चण्डीगढ़, 11 जून। पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 28 मई 2021 को बिजली विभाग के निजीकरण के लिए खोली जा रही बिडिग प्रौसेस को अगली सुनवाई (18.08.2021) तक रोकने के अपने निर्णय की 10 जून 2021 को पुनः पुष्टि कर दी। निजीकरण के खिलाफ यूटी पावरमैन यूनियन द्वारा दायर याचिका पर दिनांक 28 मई 2021 को माननीय न्यायाधीश विवेक पुरी ने अगली सुनवाई 18.08.2021 तक बिडिग खेलने पर रोक लगा दी थी। अपने 9 पेज के निर्णय में माननीय कोर्ट ने कई बिन्दुओं को छुते हुए कहा कि निजीकरण कोई रामबाण नहीं है और इसके लिए तथाकथित कुशलता हासिल करने का हवाला देना अधारहीन है क्योंकि विद्युत विभाग न केवल लाभ में चल रहा है बल्कि उसने बार-बार ग्राहक संतुष्टि के ऊँचे मानकों को पूरा किया है और शहर की खूबसूरती को बनाए रखने में उसकी एक अहम भूमिका है।
बहुत दर्द और पीड़ा के साथ, यह दर्ज किया गया है कि हम इस तथ्य के साथ सामंजस्य स्थापित करने में असमर्थ हैं कि जब पूरी दुनिया घातक वायरस से जूझ रही है, जब कोई ऑक्सीजन नहीं है, कोई आईसीयू नहीं है, शमषान घाट पर लंबी कतार है और कोई जगह नहीं है। अस्पतालों, प्रषासन की ओर से लाभ कमाने वाले विभाग को इतिहास के इस चरण में निजी संस्था को सौंपने की अनुचित जल्दबाजी और पूरी मानव जाति के सामने आने वाली संकट की इस स्थिति में गलत लगता है।
प्रशासन द्वारा माननीय कोर्ट द्वारा दिये गये ऐतिहासिक फैसले के बावजूद भी बिडिंग की प्रौसेस जारी रखी गई थी जिस पर यूनियन को माननीय कोर्ट द्वारा 28 मई 2021 को दिये गये फैसले के लिए स्पष्टीकरण की याचिका दायिर की गई थी जिस पर 10 जून को माननीय जज रितु बाहरी व माननीय जज विवेक पुरी द्वारा सारे मामले को सुनने के बाद तथा 28 मई को दिये गये फैसले को बारिकी से पढ़ने के बाद यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट द्वारा दिया गया 28 मई 2021 का फैसला समूचे बिड़िग प्रौसेस को टालने के लिए है। इसलिए प्रशासन को कोर्ट की अगली तारीख 18.08.2021 तक बिडिग का सारा प्रौसेस स्थगित रखना चाहिए। यह जानकारी यूनियन के महासचिव गोपालदत्त जोशी ने जारी एक विज्ञप्ति में दी।