कोर्ट के फैसले के बावजूद निजीकरण की प्रक्रिया को और तेज करने के खिलाफ बिजली कर्मियों का प्रर्दषन शुरू, 14 जून को कार्य बहिष्कार व पुतला दहन

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चण्डीगढ़ 7 जून। माननीय पंजाब व हरियाण उच्च न्यायालय द्वारा अगली सुनवाई तक चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने के बावजूद चण्डीगढ़ प्रशासन द्वारा और तेज गति से निजीकरण की प्रक्रिया चलाने के विरोध में आज बिजली कम्रियों द्वारा बिजली दफ्तर सैक्टर 15, 18, 35 व 43 के सामने रोष रैलियां की गई व रैलियों का सिलसिला 12 जून तक जारी रहेगा तथा 14 जून को काम छोड़कर प्रर्दषन किया जायेगा एवं सरकार व प्रषासन का पुतला जलाया जायेगा।
अलग अलग कार्यालयों में की गई रोष रैलियों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपालदत्त जोषी, वरिष्ठ उप प्रधान अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, कश्मिर सिंह, मक्खन सिंह, नरिन्द्र चैधरी आदि पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 28 मई 2021 को निजीकरण रोकने सम्बन्धी दिये गये ऐतिहासिक फैसले के बाद भी प्रषासन के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। अभी भी प्रषासन का सारा ध्यान टेंडर /बिडिग प्रोसैस को जल्दी पूरा कर निजीकरण की प्रकिृया को पूरा करने पर ही लगा है। प्रषासन के अधिकारियों को विभाग के काम व कर्मचारियों तथा जनता की समस्याओं की कोई चिन्ता नहीं है। अध्कितर कर्मचारी व उनके परिवार कोरोना पीडित हैं। कईयों की मौतें हो चुकी है। विभाग में 1780 संषोधित पोस्टों में से भी एक तिहाई (700) के करीब कम्रचारी रह चुके हैं। कोई सामान का प्रबन्ध भी नहीं किया जा रहा। यहां तक कि कर्मचारियों के पास सुरक्षा किट भी नहीं है। उन्हें कोरोना वारियर डिक्लेयर करना तो दूर उन्हें टीकारण में भी वरियता नहीं दी जा रही। कहने को तो प्रषासन के सलाहकार ने 50 प्रतिषत कर्मचारियेां को डयूटी पर आने का आदेष जारी किया है लेकिन बिजली कर्मचारियों पर यह फैसला भी लागू नहीं है। प्रषासन ने निजीकरण की आड़ में रेगुलर भर्ती पहले ही बन्द की हुई है अब कर्मचारियों की प्रमोषनें भी रोक दी है। जिस कारण पोस्टे होने के बावजूद भी एक भी प्रमोषन लिये बिना रिटायर हो रहे हैं। तुफान की अंषका रोज बनी रहती है जिसके लिए कर्मचारी तुरन्त फील्ड में डयूटी संभाल लेते हैं लेकिन समुचित औजार सामान व साधन न होने के कारण 100 प्रतिषत स्टाफ की कमी के बावजूद 24 घण्टे काम कर रहे कम्रचरियों को हतोत्साहित किया जा रहा है व जनता को तकलीफ में डाला जा रहा है।
वक्ताओं ने हैरानी जताई कि माननीय कोर्ट द्वारा सख्त टिप्पणियों के बावजूद प्रषासन को अगली सुनवाई तक कार्यवाही रोकने का आदेश दिया है लेकिन प्रशासन सारा काम ठप्प कर पिछले 4 दिनों से इसी काम में लगा है जो माननीय उच्च न्यायालय की सीधी अवमानना है तथा कम्रचारियों व जनता के साथ सरेआम धोखा है। उन्होंने चण्डीगढ़ की सभी राजनैतिक पाटियों मौहल्ला समितियों से प्रषासन के इस कृत्य की निन्दा करने व बिजली कम्रियों के संघर्ष में शामिल होने की अपील करते हुए प्रषासन को चेतावनी दी कि अगर गैर जरूरी टैंडर /बिडिंग प्रौसेस बन्द नहीं किया तो कम्रचारी 14 जून को कामकाज छोड़कर अर्थी फूंक प्रर्दषन करेंगे। जिस कारण आम जनता को होने वाली परेषानी के लिए प्रषासन का अडियल व नकारात्मक रवैया जिम्मेवार होगा।

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