चंडीगढ़, 6 जून। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का अनुसूचित जातियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का असली चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना तहत निजी शैक्षणिक संस्थानों का संयुक्त संघ आफ कॉलेजों (जैक) ने घोषणा कर दी है कि सबंधित कॉलेज लाखों दलित छात्रों के रोल नंबर जारी करने से इनकार कर दिए। नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि पंजाब में कैप्टन सरकार के मंत्रियों के समूह ने दलित समुदाय के छात्रों की छात्रवृत्ति योजना के मुद्दों को निपटाने के लिए बनाई गई कमेटी ने गरीब परिवारो के साथ विश्वासघात किया हैं।
कैंथ ने जारी एक बयान में जानकारी देते हुए कहा कि जब कैप्टन सरकार ने गत वर्ष 2017-2018, 2018-2019, 2019-2020 का बकाया जनवरी 2021 में भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन अब पंजाब के 1600 निजी शिक्षण संस्थानों ने अनुसूचित जाति के छात्रों को रोल नंबर जारी करने से इनकार कर दिए है। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति की उपलब्धता करवाने के लिए मंत्रियों के समूह द्वारा घोषणा की गई अब तक कोई सार्थक कदम नही उठाए गया। अब गरीब छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखने का संकट पैदा हो गया है।
कैंथ ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस गम्भीर समस्या का तत्काल समाधान करें और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों का भविष्य बचाने के लिए बकाया राशि जारी करें। 22 कैबिनेट मंत्रियों और अनुसूचित जाति के विधायकों के सार्थक कदम न उठा पाने के विरोध में जल्द ही कार्यक्रम तैयार करने का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समस्या के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत आने वाले छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस जल्द ही नई दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के कार्यालय में एक याचिका दायर करने जा रहा है।