हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद निजीकरण की प्रक्रिया हुई तेज, यूनियन ने काम छोड़ हड़ताल का किया ऐलान

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चण्डीगढ़, 5 जून। माननीय उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद चण्डीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया और तेज कर दी है। इस काम में सारा प्रशासन जुटा है तथा जल्दी से जल्दी फाईनैंस बिड खोलने की तैयारी में आज छुटृी के बावजूद अधिकारी इसी काम में जुटे रहे। प्रशासन अखबारों में कुछ और ब्यान दे रहा है लेकिन छुटृी के दिन भी इस प्रक्रिया के लिए मीटिंगे करना प्रशासन की तेजी दर्शाता है। इससे लगता है कि प्रशासन माननीय कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं करना चाहता।
यूनियन ने प्रशासन की तेजी का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को आडे हाथों लेते हुए आरोप लगाते हुए कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 28 मई 2021 को निजीकरण रोकने सम्बन्धी दिये गये ऐतिहासिक फैसले के बाद भी प्रशासन के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। अभी भी प्रषासन का सारा ध्यान टेंडर /बिडिग प्रोसैस को जल्दी पूरा कर निजीकरण की प्रकिृया को पूरा करने पर ही लगा है। प्रशासन के अधिकारियों को विभाग के काम व कर्मचारियों तथा जनता की समस्याओं की कोई चिन्ता नहीं है। अधिकतर कर्मचारी व उनके परिवार कोरोना पीडित हैं। कईयों की मौतें हो चुकी है। विभाग में 1780 संषोधित पोस्टों में से भी एक तिहाई (700) के करीब कम्रचारी रह चुके हैं। कोई सामान का प्रबन्ध भी नहीं किया जा रहा। यहां तक कि कर्मचारियों के पास सुरक्षा किट भी नहीं है। उन्हें कोरोना वारियर डिक्लेयर करना तो दूर उन्हें टीकारण में भी वरियता नहीं दी जा रही। कहने को तो प्रषासन के सलाहकार ने 50 प्रतिषत कर्मचारियेां को डयूटी पर आने का आदेष जारी किया है लेकिन बिजली कर्मचारियों पर यह फैसला भी लागू नहीं है। प्रषासन ने निजीकरण की आड़ में रेगुलर भर्ती पहले ही बन्द की हुई है अब कर्मचारियों की प्रमोषनें भी रोक दी है। जिस कारण पोस्टे होने के बावजूद भी एक भी प्रमोषन लिये बिना रिटायर हो रहे हैं। तुफान की अंषका रोज बनी रहती है जिसके लिए कर्मचारी तुरन्त फील्ड में डयूटी संभाल लेते हैं लेकिन समुचित औजार सामान व साधन न होने के कारण 100 प्रतिषत स्टाफ की कमी के बावजूद 24 घण्टे काम कर रहे कम्रचरियों को हतोत्साहित किया जा रहा है व जनता को तकलीफ में डाला जा रहा है।
प्रशासन द्वारा निजीकरण के लिए दिखाई जा रही तेजी के विरोध में यूनियन ने 7 जून से सभी दफ्तरों में लगातार प्रर्दशन करने तथा 14 जून को समस्त काम छोड़कर प्रशासन का पुतला जलाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी गोपाल दत्त जोषी ने जारी एक विज्ञप्ति में दी।

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