चण्डीगढ़, 4 जून। यूटी पावरमैन यूनियन के शीर्ष पदाधिकारियों की मीटिंग में शुक्रवार को चण्डीगढ़ प्रशासन तथा इन्जीनियरिंग विभाग के अधिकारियों की निन्दा करते हुए बिजली विभाग को जानबूझ कर तहस-नहस करने का आरोप लगाया तथा कहा कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 28 मई 2021 को निजीकरण रोकने सम्बन्धी दिये गये ऐतिहासिक फैसले के बाद भी प्रषासन के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। अभी भी प्रशासन का सारा ध्यान टेंडर /बिडिग प्रोसैस को जल्दी पूरा कर निजीकरण की प्रकिृया को पूरा करने पर ही लगा है। प्रशासन के अधिकारियों को विभाग के काम व कर्मचारियों तथा जनता की समस्याओं की कोई चिन्ता नहीं है। अधिकतर कर्मचारी व उनके परिवार कोरोना पीडित हैं। कईयों की मौतें हो चुकी है। विभाग में 1780 संषोधित पोस्टों में से भी एक तिहाई (700) के करीब कम्रचारी रह चुके हैं। कोई सामान का प्रबन्ध भी नहीं किया जा रहा। यहां तक कि कर्मचारियों के पास सुरक्षा किट भी नहीं है। उन्हें कोरोना वारियर डिक्लेयर करना तो दूर उन्हें टीकारण में भी वरियता नहीं दी जा रही। कहने को तो प्रशासन के सलाहकार ने 50 प्रतिषत कर्मचारियों को डयूटी पर आने का आदेष जारी किया है लेकिन बिजली कर्मचारियों पर यह फैसला भी लागू नहीं है। प्रशासन ने निजीकरण की आड़ में रेगुलर भर्ती पहले ही बन्द की हुई है अब कर्मचारियों की प्रमोशनें भी रोक दी है। जिस कारण पोस्टे होने के बावजूद भी एक भी प्रमोषन लिये बिना रिटायर हो रहे हैं। तुफान की अंषका रोज बनी रहती है जिसके लिए कर्मचारी तुरन्त फील्ड में डयूटी संभाल लेते हैं लेकिन समुचित औजार सामान व साधन न होने के कारण 100 प्रतिषत स्टाफ की कमी के बावजूद 24 घण्टे काम कर रहे कम्रचरियों को हतोत्साहित किया जा रहा है व जनता को तकलीफ में डाला जा रहा है।
यूनियन के पदाधिकारियों ने चण्डीगढ़ प्रषासन की निजीकरण की नीति का विरोध करने तथा विभाग का सारा काम ठप्प करने तथा छोटी छोटी समस्याओं का भी समाधान न करने तथा बार बार अपील करने के बावजूद मिलने का समय भी न देने के विरोध में सोमवार 7 जून को काले बिल्ले लगाकर सभी दफ्तरों में रोष प्रर्दशन करने तथा 14 जून को कलम छोड़/औजार छोड़ हड़ताल करने का ऐलान किया है तथा लगातार रैजिडैन्ट वैल्फेयर एसेसिएशनों के साथ मिलकर प्रर्दषन करने का भी ऐलान किया है।