चंडीगढ़, 1 जून ।यूटी पावरमैन यूनियन चण्डीगढ़ ने माननीय पंजब हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया पर अगली तारीख तक रोक लगाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए प्रशासन को न्यायालय के फैसले को मानने की नसीहत दी है।
आज यहां जारी एक बयान में बताया गया कि यूनियन के अध्यक्ष ध्यान सिंह की प्रधानगी में हुई मीटिंग में न्यायालय द्वारा कोविड-19 महमारी को ध्यान में रखते हुए तथा इस दौररान बिजली कर्मियों द्वारा जनता को निर्विघ्न बिजली सप्लाई देने तथा उपभोक्तओं की संतुष्टि की बात करते हुए कहा कि जब सस्ती बिजली देने के बावजूद विभाग मुनाफे में है तो महामारी के समय इसको निजी मालिकों के हाथों में बेचना किसी भी तरह ठीक नहीं है। निजीकरण के खिलाफ कई तथ्य रखते हुए प्रशासन द्वाारा दिखाई जा रही तेजी पर लताड़ लगाते हुए कहा कि प्रशासन को लोक हित में सामाजिक सुरक्षाा के लि काम करना चाहिए।
यूनियन की मीटिंग में चण्डीगढ़ प्रशासन की निन्दा करते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन बिजली कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। रात दिन रिस्क व महामारी से जूझने के बावजूद बिजली कर्मचारी निर्विघ्न सेवा दे रहे हैं परन्तु प्रशासन उन्हे कोरोना वारियर घोषित करने को तैयार नहीं है। बिजली कर्मियों को वैक्सीन लगाने में भी प्रमुखता नहीं दी जा रही है जबकि पंजाब सरकार बिजली कर्मियों को कोरोना वारियर घोषित कर चुकी है। मीटिंग में विभाग में खाली पड़ी प्रमोशन की पोस्टें भी न भरने के लिए भी प्रशासन के अधिकारियों के अडियल रवैये को जिम्मेवार ठहराया। फील्ड कर्मचारियों को सामान व सुरक्षा किट भी नहीं दी जा रही है।