मोहाली, 30 मई । आज फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने एक 72 वर्षीय कोविड पॉजिटिव मरीज को एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी दी, जिस कारण फोर्टिस अस्पताल क्षेत्र का पहला अस्पताल बन गया है। यह रोगी क्रोनिक किडनी डिजिज के साथ मधुमेह से पीडित हंै तथा दो दिन पहले ही वे कोरोना पॉजीटिव पाए गये थे। उन्हें कॉकटेल की एक खुराक नसों द्वारा दी गई। पोस्ट इनफ्यूजन के बाद रोगी कथित तौर पर अब स्थिर है।
एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी 65 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए है जो घर पर आइसोलेट हैं जिनका 93 का एसपीओ2 है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता नहीं है लेकिन मोटापा, मधुमेह, लीवर रोग, हृदय रोग, पुरानी फेफड़ों की बीमारी जैसी सहरुग्णता के कारण संक्रमण का गंभीर रूप के विकसित होने का खतरा है। यह उन लोगों को भी दिया जा सकता है जो एक इम्यूनोकॉम्प्रोमाइजिंग स्थिति से पीडि़त हैं या इम्यूनो स्पप्रेसिव उपचार के कारण कमजोर इम्यूनिटी वाले हैं।
क्रिटिकल केयर, पुलमोनोलॉजी एंड चेस्ट एंड स्लीप मेडिसन, फोर्टिस अस्पताल के सीनियर कंस्लटेंट डॉ ज़फर अहमद ने बताया कि एंटीबॉडी की तरह, जो रोग से लडऩे के लिए शरीर द्वारा उत्पन्न प्रोटीन होते हैं मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कृत्रिम रूप से प्रयोगशाला में बनाए जाते हैं। इस कॉकटेल में, कासिरिविमैब और इम्देवीमैब मोनोक्लोनल एंटीबॉडी हैं जो विशेष रूप से कोविड के स्पाइक प्रोटीन को ब्लॉक करते हैं, जिससे कोरोनावायरस के अनुलग्न(अटैचमैंट) और मानव कोशिकाओं में प्रवेश को रोका जा सकता है। कॉकटेल बनाने के लिए प्रत्येक के 600 ग्राम मिश्रित होते हैं। यह एक अन्य बहुत महत्वपूर्ण कदम है जो चिकित्सा समुदाय द्वारा महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने और लोगों को तेजी से ठीक होने में मदद करने के लिए उठाया गया है।
बीते दिन फोर्टिस हेल्थकेयर ने घोषणा की कि सिप्ला लिमिटेड द्वारा वितरित रौश इंडिया के एंटीबॉडी कॉकटेल (कैसिरिविमैब और इमदेविमाब) की दो खुराक हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण वाले रोगियों के लिए उपलब्ध है। रौश इंडिया द्वारा 24 मई 2021 को भारत में लॉन्च, एंटीबॉडी कॉकटेल को सेंट्रल ड्रग्स स्टेडर्ड़स कंट्रोल ऑगेनाइजेशन (सीडीएससीओ) से एमर्जेसी यूज ऑथोराइजेश(ईयूए) को प्राप्त हुआ है।