चंडीगढ़, 25 मई । फॉस्वेक के मुख्य प्रवक्ता और सेक्टर 38 वैस्ट आरडब्लूए के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा की चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा पानी की बढ़ी हुई कीमतों पर 31 मार्च 2022 तक रोक तो लगा दी गई है परंतु यह चंडीगढ़वासियों के लिए छलावा मात्र है। चंडीगढ़ में पानी की कीमतों में तीन गुना तक वृद्धि करने वाली अधिसूचना वापस नहीं ली गई है, केवल उसे स्थगित किया गया है। शायद इस फैसले के पीछे दिसंबर में होने वाले नगर निगम के चुनाव हैं। आज बेशक बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि उनकी वजह से यह संभव हो पाया लेकिन चंडीगढ़ का आम नागरिक जानना चाहता है कि 31 मार्च के बाद क्या होगा? क्या लोगों को इसके बाद नाजायज तौर पर बढ़ाए गए दाम चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा? क्या फाॅस्वेक और अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन व्यर्थ हो गए? क्या अब चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले राजनैतिक दबाव में होने लगे हैं? क्या प्रशासन और नगर निगम अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से बचकर केवल पैसा कमाना चाहते हैं जो पानी जैसी जीवन की मूलभूत आवश्यकता को भी आम आदमी से दूर कर रहे हैं?
फेडरेशन ऑफ सैक्टर्स वेल्फेयर एसोसिएशनस ऑफ चंडीगढ़ (फाॅस्वेक) के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ने चंडीगढ़ के प्रशासक से मांग की है कि पानी के दामों में वृद्धि करने वाली पूरी अधिसूचना तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए।