चंडीगढ़, 24 मई । बिरसा फूले अंबेडकर कर्मचारी एसोसिएशन, चंडीगढ़ की टीम की मंगलवार को एक मीटिंग हुई। जिसमें देश वासियों को बुध पूर्णिमा की बधाई दी गई। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा सबसे बड़ा त्योहार का दिन होता है। इस दिन अनेक प्रकार के समारोह आयोजित किए गए हैं। अलग-अलग देशों में वहां के रीति-रिवाजों और संस्कृति के अनुसार समारोह आयोजित होते हैं।
एसोसिएशन के चेयरमैन जसबीर सिंह ने जारी एक बयान में कहा कि इस दिन बौद्ध घरों में दीपक जलाए जाते हैं और फूलों से घरों को सजाया जाता है। दुनिया भर से बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया आते हैं और प्रार्थनाएं करते हैं। बौद्ध धर्म के धर्मग्रंथों का निरंतर पाठ किया जाता है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष शशि भूषण ने बताया कि मंदिरों व घरों में अगरबत्ती लगाई जाती है। मूर्ति पर फल-फूल चढ़ाए जाते हैं और दीपक जलाकर पूजा की जाती है। वाइस चेयरमैन शमशेर सिंह ने कहा कि बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है। उसकी शाखाओं पर हार व रंगीन पताकाएँ सजाई जाती हैं। जड़ों में दूध व सुगंधित पानी डाला जाता है। वृक्ष के आसपास दीपक जलाए जाते हैं। उपाध्यक्ष नरिंदर सिंह जी ने कहा कि इस दिन मांसाहार का परहेज होता है क्योंकि बुद्ध पशु हिंसा के विरोधी थे। इस दिन किए गए अच्छे कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है। पक्षियों को पिंजरे से मुक्त कर खुले आकाश में छोड़ा जाता है। इस मौके पर अन्य बहुजन समाज के लोग भी मौजूद थे । रामेश्वर दास, बलविंदर सिंह सिपरे,सुरिंदर सिंह और पवन कुमार चौहान, इन सभी बहुजन समाज के लोगों द्वारा कहा गया कि इस दिन गरीबों को भोजन व वस्त्र दिए जाते हैं। दिल्ली संग्रहालय इस दिन बुद्ध की अस्थियों को बाहर निकालता है जिससे कि बौद्ध धर्मावलंबी वहां आकर प्रार्थना कर सकें।