आक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर हरियाणा

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चंडीगढ़, 20 मई । कोरोना महामारी की देषव्यापी दूसरी लहर से उबरते हुए हरियाणा राज्य ने आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिष्चित करते हुए भविश्य की जरूरतों को पूरा करने की दिषा में ठोस कदम उठाए हैं। अब न केवल अस्पतालों के लिए पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध हो रही है, बल्कि 9 मई से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए पारदर्षी व सुगम तंत्र विकसित कर दिया गया है।
निजी व प्राइवेट अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से आक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन दाखिल मरीजों का डाटा HRheal पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है ताकि समय रहते ऑक्सीजन की वास्तविक जरूरत का पता चलता रहे।
इसी प्रकार होम डिलीवरी के लिए पोर्टलू www.oxygenhry.in पर पंजीकरण करवाकर कोई भी मरीज घर पर ही आक्सीजन सिलेंडर प्राप्त कर सकता है।
सरकार का यह प्रयोग अत्यंत सफल रहा है। प्रदेश में अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 9896 मरीजों को घर पर ही आकीजन सिलेंडर पहुंचाए गए र्हैं। इस कार्य को सफल बनाने के लिए रैडक्रास, भारत विकास परिशद् जैसी 378 समाजसेवी संस्थाओं ने घर पर सिलेंडर की डिलीवरी करने का काम किया है।
प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर भरने का एक स्थान निर्धारित किया गया है और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला उपायुक्त अपने जिले में सिलेंडर रिफिल प्वाइंट पर लगातार नोडल अधिकारी की सहायता से उचित व्यवस्था बनाकर रखे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 5 से 20 डी-टाइप ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जा रही है
उपचार के लिए हर संसाधन उपलब्ध करवाएंगे-मुख्यमंत्री
इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का कहना है कि हम प्रदेष में ऑक्सीजन, दवाइयों, उपकरणों कमी नहीं होने देंगे और मरीज के उपचार के लिए हर आवष्यक संसाधन उपलब्ध करवाएंगे। उल्लेखनीय है कि अप्रैल मास के मध्य में आक्सीजन की बढती मांग का पता चलते ही मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ने स्वयं कमान संभालते हुए राज्य सचिवालय में आॅक्सीजन सप्लाई के उचित प्रबंधों व लगातार निगरानी के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया जो निरंतर 24 घण्टे कार्यरत है। मुख्यमंत्री महोदय स्वयं इस कंट्रोल रूम में नियुक्त उच्च अधिकारियों से निरंतर ऑक्सीजन आपूर्ति एवं वितरण का ब्यौरा लेते हैं। यही नहीं, वे स्वयं सभी जिला उपायुक्तों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्पर्क में रहते हैं और उनसे आॅक्सीजन, दवाइयों, उपकरणों की उपलब्धता की जानकारी लेते हैं और आवष्यक दिषा-निर्देष देते हैं। प्रदेष का आॅक्सीजन कोटा 156 मीट्रिक टन था, जिसे मुख्यमंत्री के प्रयासों से बढ़कर 282 मीट्रिक टन हुआ।
सड़क, रेल व वायुमार्ग से मंगवाई आॅक्सीजन
गौरतलब हैं कि पिछले मास के अंत तक आते-आते कोरोना संक्रमण ने पूरा जोर पकड़ लिया था। मरीजों की लगातार वढती संख्या के कारण हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देष में आक्सीजन की मांग तेजी से बढी थी। ऐसे में हरियाणा सरकार ने न केवल स्थानीय संसाधनों का भरपूर उपयोग करते हुए, बल्कि सड़क, रेल व वायुमार्ग से देष के विभिन्न क्षेत्रों से आॅक्सीजन निरंतर मंगवाई और राज्य में आपूर्ति को सुचारू किया।
आॅक्सीजन गैस की आकस्मिक आवष्यकता को पूरा करने के लिए हवाई जहाजों से भी गैस मंगवाई गई। अब तक हवाई जहाजों से 20 बार में 38 टेंकरों के माध्यम से राज्य को लगभग 481 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है। साथ ही रेलवे की आक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए 1549 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राज्य को प्राप्त हुई। प्रदेष में अलग-अलग 7 जगहों – राउरकेला, जमषेदपुर, पानीपत, हिसार, अंगुल, भुवनेष्वर और रूड़की से लगभग 240 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन आ रही है।
बाहरी स्रोतों से आक्सीजन मंगवाने के अलाव इस समय प्रदेष के 13 जिलों में स्थित 22 इंडस्ट्रीयल प्लांट्स भी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं। साथ ही पी.एस.ए. तकनीक आधारित 6 प्लांट्स -फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, अम्बाला, पंचकुला और हिसार में ऑक्सीजन गैस का निरंतर उत्पादन कर रहे हैं। प्रत्येक प्लांट से प्रति मिनट 200 लीटर तक आॅक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसी दिषा में केन्द्र सरकार ने पी.एस.ए. तकनीक आधारित 43 नए बड़े प्लांट्स स्वीकृत किए हैं। इनमें से 2 प्लांट्स मेडिकल काॅलेजों में तथा अन्य 41 प्लांट्स विभिन्न जिलों में सी.एच.सी. स्तर तक लगाये जाएंगे। ये प्लांट्स जून में उत्पादन षुरू कर देंगे। प्रत्येक प्लांट प्रति मिनट 500 से 1000 लीटर तक ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा।

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