चंडीगढ़़, 16 मई। मायने ये नहीं रखता कि दुनिया ने आपके लिए क्या किया, मायने ये रखता है कि आपने दुनिया के लिए क्या किया। इस बात को सही ठहरा रहे हैं दिव्यांग स्वास्थ्य कर्मी श्री राजेश सहोत्रा। श्री सहोत्रा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपूर के नागणी ग्राम पंचायत के रिन्ना स्थित प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र (पीएचसी) में बतौर स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं। दूसरी भाषा में कहें तो श्री राजेश कोविड की इस जंग में फ्रंटलाइन वर्कर हैं। 25 साल से स्वास्थ्य महकमे में अपनी सेवाएं दे रहे राजेश आज भी कड़ी मेहनत और लगन से लोगों की सेवा में जुटे हैं।
भारत सरकार और तमाम राज्य सरकारों ने दिव्यांगों को कोविड की इस जंग से दूर रखा है ताकि उन्हें कोई समस्या का सामना न करना पड़े, लेकिन पीएचसी रिन्ना के दिव्यांग स्वास्थ्यकर्मी सहोत्रा इस बात से अपनी अलग राय रखते हैं। वो कहते हैं कि कोविड जैसे मुश्किल दौर में जहां पीएम से लेकर तमाम लोग लड़ रहे हैं, ऐसे में वो भला कैसे खुद को घर में कैद कर सकते हैं। वह अपनी बात रखते हुए कहते हैं कि इस दौर में लोगों को उनके जैसे स्वास्थ्यकर्मिंयों की ज्यादा जरूरत है और वह बस इस जंग में अपना काम कर रहे हैं।
राजेश बताते हैं कि कांगड़ा जिला इस वक्त कोरोना की महामारी से लड़ रहा है। उनके पीएचसी में 25 गांव आते हैं जहां इस वक्त कोरोना के काफी मामले आ रहे हैं। ऐसे में बतौर स्वास्थ्यकर्मी उनका नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह इस दौर में लोगों की घर-घर जा कर मदद करें। सहोत्रा कोरोना से प्रभावित परिवारों और गांव में जा-जा कर उन्हें जरूरी दवाइयां दे रहे हैं, गांवों को सेनिटाइज करवा रहे हैं, टेस्ट सैंपल टीम का हिस्सा बन सैंपल ले रहे हैं और साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति जगारुक भी कर रहे हैं।
कोरोना काल में लोगों को मदद पहुंचाने के अलावा राजेश सहोत्रा रक्तदान कर के भी लोगों की सेवा और मदद कर रहे हैं। वह बाताते हैं कि उन्होंने अब तक 25 बार रक्तदान किया है, जिससे कई जरूरतमंदों की मदद हो सकी है। राजेश बताते हैं कि उनका ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव है और वह जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।