पुरानी पेंशन बहाली व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने के लिए देशव्यापी संघर्ष का ऐलान

पुरानी पेंशन बहाली व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने के लिए देशव्यापी संघर्ष का ऐलान
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चंडीगढ़, 14 जनवरी। पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर देशभर में पुरानी पेंशन बहाली, ठेका कर्मियों की रेगुलराइजेशन व खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भरने आदि मांगों को लेकर कर्मियों ने देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया है। हिमाचल, पंजाब, राजस्थान, झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली होने से कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हैं और उन्हें अब लगता है दिल्ली दूर नहीं है। देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत बजट सत्र में संसद पर धरना प्रदर्शन के साथ की जाएगी। आंदोलन का ऐलान शनिवार को बाबा सोहन सिंह भकना भवन में आयोजित कर्मचारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने किया। सम्मेलन में पंजाब, चंडीगढ़ व हरियाणा के हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया। सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा द्वारा प्रस्तुत किए देशव्यापी आंदोलन के प्रस्ताव का तालियों की गड़गड़ाहट व गगनभेदी नारों से पुरजोर समर्थन किया। सम्मेलन में ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा के अलावा उपाध्यक्ष सतीश राणा, सचिव गोपाल दत्त जोशी, एन डी तिवारी, ऑल इंडिया पोस्टल एम्पलाइज यूनियन के सर्कल सचिव जोगिंदर सिंह, प्रधान रणजीत सिंह, ऑल इंडिया आयकर एम्पलाइज फेडरेशन से कुलदीप सिंह, पंजाब सबोर्डिनेट सर्विस फेडरेशन के महासचिव तीर्थ सिंह बस्सी, सुखविंदर सिंह चहल, पंजाब सबोर्डिनेट सर्विस फेडरेशन (वैज्ञानिक) के सूबा प्रधान गंगनदीप सिंह , वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कम्बौज,उप प्रधान भूपेंद्र कौर व यूटी एम्पलाइज एंड वर्कर्स फेडरेशन के प्रधान रघबीर चंद व वरिष्ठ उपाध्यक्ष ध्यान सिंह मौजूद थे। सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित कर पिछले साल बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ आयोजित हड़ताल में शामिल चंडीगढ़ के बर्खास्त ठेका मुलाजिमों को वापस ड्यूटी पर लेने सहित अन्य सभी प्रकार की उत्पीड़न की कार्यवाहियों को वापस लेने की मांग की गई।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि जनवरी व फरवरी में सभी राज्यों में केन्द्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। शनिवार से चंडीगढ़ में सम्मेलन करके इसकी शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के अगले चरण में मार्च से जून (चार महीने) तक देश के सभी जिलों, तहसील, ताल्लुक व खंडों में कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद जुलाई महीने में देश के चारों कोनों से राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी वाहन जत्थे चलाएं जाएंगे। यह जत्थे “रीच टू इच” के नारे के साथ सभी महानगरों, शहरों व कस्बों में जन सभाएं करते हुए सितम्बर माह में नई दिल्ली पहुंचेंगे और वहां विशाल कर्मचारी रैली की जाएगी। जिसमें पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों के समर्थन और केन्द्र सरकार की नव उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जन सेवाओं बचाने और खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भरने आदि मांगों को लेकर आम जनता का समर्थन हासिल करने के लिए देश भर में जन सभाएं भी आयोजित की जाएगी। श्री लांबा ने कहा कि देशव्यापी आंदोलन में बैंक,बीमा, डिफेंस, रेलवे व पीएसयू आदि के कर्मचारियों को भी शामिल करने के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार मोदी को उनके पुरानी पेंशन बहाली पर श्रीलंका जैसे हालात पैदा होने के बयान पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के पिछले पांच सालों में करीब 11 लाख करोड़ रुपए माफ करने, कारपोरेट टैक्स को 30 से घटकर 22 प्रतिशत कर प्रति साल लाखों करोड़ की राहत देने पर श्रीलंका जैसे हालात पैदा क्यों नहीं होते। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से सरकारों को कोई आर्थिक नुकसान नहीं होता है। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर पुरानी पेंशन बहाली नहीं की गई तो भाजपा को वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कर्मचारियों और उनके परिजनों की तीखी नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।
ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के उप प्रधान सतीश राणा, सचिव एनडी तिवारी व गोपाल दत्त जोशी ने अपने संबोधन में ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित करने,18 महीने के बकाया डीए का भुगतान करने, आठवें वेतन आयोग का गठन करने,एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने , ठेका, आउटसोर्स दैनिक व वेतनभोगी कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया।

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