10 मई की सालगिरह को एक आम संघर्ष के रूप में मनाएं

Spread the love

चंडीगढ़़, 10 मई। 10 मई हमारी साम्राज्यवाद-विरोधी गाथा का पहला दिन है। 1857 में इसी दिन मेरठ छावनी ने ईस्ट इंडियां कंपनी के अत्याचारी शासन के खिलाफ आजादी की जंग का बिगुल बजाया था। उसने मुक्ति संग्राम के इस राष्ट्रव्यापी संग्राम के इस राष्ट्रव्यापी युद्ध में अपना जीवन समर्पित कर दिया था। भक्तों के साथ इस युद्ध में, ग्वालियर के राजा सिंधी, और नेपाल के हिंदू राजा साही ने महाराज पटियाला को अंग्रेजों का समर्थन करके देश को धोखा दिया था। उस समय कार्ल मार्क्स ने इस युद्ध को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा थ। आज सीटू ने साम्राज्यवाद-विरोधी युद्ध में देशभक्तों के बलिदान को भी याद किया क्योंकि वे इस ऐतिहासिक दिन को मननाते हैं और इस युद्ध के दौरान ब्रिटिश भगत रजवाड़ों और बाद में हिंदू महासभा और आरएसएस जेसे संगठनों के राष्ट्र विरोधी चेहरों को भी बेनकाब किया।
10 मई को वर्तमान दिन भारतीय अर्थव्यवस्ाि को साम्राज्यवादियों के खिलाफ भाजपा, मोदी सरकारकी जीत सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण और श्रमिकों/किसानों के खिलाफ नरसंहार कानूनों के खिलाफ अपनना संघर्ष जारी रखने का संकल्प दिलाया गया।
इसी तरह, कोविड-19 के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा अपनाई गई आपराधिक नीति को भी रद्द किया। साथ ही, उनकी आजीविका और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए श्रमिक वर्ग की आवाज उठाई गई। सीटू चण्डीगढ़ के प्रधान कुलदीप सिंह, ऑल इंडिया स्टेट र्गोवमैंट इंम्पलाई फैड़रेश्न गोपाल जोशी, यूटी फैड़रेशन के रघबीर चन्द, हरकेश चन्द, सीटू नेता सुनील कुमार ने आम संघर्षो को उजागर करने के लिए इस दिन को मनाने का आह्वान किया। यह जानकारी महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने जारी एक बयान में दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *