मनोहर राज में हरियाणा बना खेलों का हब: डा. बनवारी लाल

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चंडीगढ़, 20 नवंबर। हरियाणा सरकार में सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि हरित क्रान्ति का सिरमौर रहा कृषि प्रधान हरियाणा राज्य अब खेलों का भी हब बन चुका है और यह पिछले 8 वर्षों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में बनाई गई खेल नीति के फलस्वरूप संभव हो सका है। प्रदेश में खेलों का एक ऐसा माहौल तैयार हुआ है कि यहाँ के खिलाड़ी लगातार ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में पदक जीत कर देश-प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
सहकारिता मंत्री आज रेवाड़ी के जैन पब्लिक स्कूल में चल रही वार्षिक स्पोर्ट्स मीट के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई नई खेल नीति व आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बदौलत प्रदेश के खिलाड़ी हरियाणा का नाम विश्व पटल पर चमका रहे हैं। आज हरियाणा खेल क्षेत्र में अपनी एक अनूठी पहचान बना चुका है। हरियाणा सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर बच्चों में खेल संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से राज्य में खेल नर्सरियां स्थापित की जा रही हैं।

खेलों में बज रहा हरियाणा के खिलाडिय़ों का डंका
उन्होंने कहा कि खेल हरियाणा की संस्कृति में ही रचे-बसे हैं, इसलिए यहां के खिलाडिय़ों ने देशा में देश हरियाणा-जित दूध दही का खाणा की कहावत को चरितार्थ किया है। हाल ही में बर्मिंघम में सम्पन्न हुए कॉमनवैल्थ गेम्स में भारत को मिले 61 पदकों में से 17 पदक हरियाणा के खिलाडिय़ों ने जीते हैं। भारत के 1.3 प्रतिशत क्षेत्रफल व 2.09 प्रतिशत आबादी वाले हरियाणा का ओलम्पिक खेलों में भी 50 प्रतिशत से अधिक मेडल का योगदान रहा है। हरियाणा सही मायनों में मेडल की खान बना है।

हरियाणा दे रहा है खिलाडिय़ों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार
सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ाने के लिए विजेता खिलाडिय़ों को सर्वाधिक पुरस्कार राशि दी जा रही है। ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण विजेता को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक विजेता को 2.50 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। पैरालम्पिक खिलाडिय़ों को भी ओलम्पिक पदक विजेताओं की तर्ज पर तथा प्रतिभागिता करने पर सामान्य खिलाडिय़ों की भांति समान नकद पुरस्कार प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, प्रत्येक प्रतिभागी खिलाड़ी को 15 लाख रुपये देने का भी प्रावधान किया गया है। ओलंपिक खेलों में चयन होने उपरांत खिलाड़ी को तैयारी के लिए 5 लाख रूपए अग्रिम राशि देने की हरियाणा सरकार ने पहल की है जो किसी भी प्रदेश में नहीं है।

खेल में हार-जीत जागृत करती है प्रतिस्पर्धा की भावना
डॉ. बनवारी लाल ने वार्षिक स्पोर्ट्स मीट में पहुंचे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि खेल में हार व जीत प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करती है, ऐसे में यदि एक खिलाड़ी हारता है तो उसे जीतने वाले खिलाड़ी से सीख लेनी चाहिए। टीम भावना के साथ खेलते हुए हमारे अंदर एक दूसरे के सहयोग की भावना विकसित होती है। उन्होंने कहा कि खेल हो या जीवन हर कमी का आंकलन करते हुए अपनी कमी को दूर करते हुए आगे बढ़ें।

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