चंडीगढ़, 26 अप्रैल। राज्य के स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर सरकार को चेतावनी देने के उपरांत आज मिशन निदेशक – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंजाब द्वारा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को बैठक के लिए चंडीगढ़ बुलाया गया था। कर्मचारियों की मांगों के समाधान में अपनी असमर्थता जाहिर करते हुए जहां मिशन निदेशक ने कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की बैठक स्वास्थ्य मंत्री पंजाब के साथ निश्चित कर दी। एक ओर उन कर्मचारियों के साथ बैठक चल रही थी जिन्हें सरकार कोरोना वारियर्स कहती है, वहीं दूसरी ओर, राज्य सरकार ने इस महामारी के दौरान कर्मचारियों की मांगों के प्रति असंवेदनशील रहते हुए मुलाजिमों को नौकरी ने निकाल देने के बयान समाचार चैनलों पर जारी कर दिए; इसलिए देर शाम समाप्त हुई बैठक अनिर्णायक रही।
इस अवसर पर प्रेस से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डा. इंद्रजीत सिंह राणा के ने कहा कि अभी तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 500 से अधिक कर्मचारी अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए कोरोना महामारी से प्रभावित हुए हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। हाल ही में, गुरदासपुर जिले में मात्र 11000 रुपये प्रति माह के वेतन पर काम करने वाली फार्मासिस्ट तरुणदीप कौर का अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए कोरोना महामारी के संक्रमण से कम उम्र में निधन हो गया। यही नहीं, उनका परिवार भी कोरोना संक्रमित हो गया और परिणामस्वरूप उनके पिता जी का भी निधन हो गया।
इस अवसर पर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 9000 कर्मचारी पिछले 10-15 वर्षों से नियमित कर्मचारियों की तरह काम कर रहे हैं, लेकिन उनका वेतन नियमित कर्मचारियों से एक चौथाई है, जबकि विभाग का 85% कार्य भार उनके कंधों पर है। अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि फूलों की वर्षा या थालीयां बजा देने से आर्थिक रूप से परेशान कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है। डॉ राणा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अभी भी लोगों के स्वास्थ्य और सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से कर्मचारी लोगों की सेवा में दिन-रात काम कर रहे हैं, राज्य में स्थिति और लोगों के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझते हुए सरकार के साथ बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक सर्कार द्वारा किया हर वादा पानी का बुलबुला साबित हुआ है। इसलिए अब 27-04 2021 को, सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर होंगे। अगर सरकार अभी भी इस कठिन समय के दौरान कर्मचारियों पर ध्यान में नहीं देती है, तो कर्मचारियों को संघर्ष के एक लंबे रास्ते पर चलने के लिए मजबूर होना पडेगा। आज की बैठक में मनिंदर सिंह, जसविंदर कौर, किरनजीत कौर, निंदर कौर, हरपाल सोढ़ी, रमनप्रीत कौर, अरुण दत्त, डॉ वाहिद मुलज़म संघर्ष समिति के सदस्य गुलज़ार सिंह और कुलबीर मोगा, एलएचवी यूनियन से जसबीर कौर माणक उपस्थित थीं।