चंडीगढ़, 23 अप्रैल। विलियम शेक्सपीयर की बरसी के अवसर पर पुस्तकें पढ़ने और प्रकाशन को उत्साहित करने के उद्देश्य से पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने मानवीय जीवन में पुस्तकों की महत्ता पर ज़ोर दिया। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को पुस्तकों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि यह ज्ञान के स्रोत हैं जो मनुष्य को रूचिकर विषयां बारे जानकारी, नये शब्दों को याद रखने और शब्दावली का विस्तार करने के योग्य बनातीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन लाभों के अलावा, पुस्तकें हमें लिखने के नये हुनर सिखाती हैं। इसके अलावा दिमाग़ को सकारात्मक तौर पर कार्यशील रखने के साथ-साथ भाषाओं बारे ताज़ा जानकारी देती हैं और कल्पना और ज्ञान को बढ़ाती हैं।
तृप्त बाजवा ने कहा, “इसलिए हमें नौजवान पीढ़ी को अलग-अलग विषयों पर ज्ञान हासिल करने के योग्य बनाकर पुस्तकें पढ़ने के लिए उत्साहित करना चाहिए। हालाँकि, हम विश्व पुस्तक दिवस को अपने शैक्षिक संस्थानों में मनाते हैं परन्तु कोविड-19 को देखते हुए मैं इस महत्वपूर्ण दिवस पर पंजाब के वकील और लेखक हरप्रीत संधू द्वारा तैयार की गई पुस्तक ’बुक इज़ लाईफ़ कम्पेनियन ऑफ विज़्डम’ का विमोचन करता हूँ जो विशेष तौर पर तस्वीरों के द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की महत्ता को उजागर करती है।
मंत्री ने आगे कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे कि व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर आदि के बावजूद, पुस्तकें ज्ञान के महत्वपूर्ण स्रोत हैं जो और ज्यादा रूचि वाले विषयों बारे सोचने के योग्य बनातीं हैं जिससे मानव महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के योग्य बनते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुस्तकें पढ़ने से अच्छे और नम्र जीवन की सोच और नैतिकता अपनाने की सूझ मिलती है क्योंकि पुस्तकें सार्थक विचार पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति दौरान, पुस्तकें लॉकडाउन में किसी भी मानव का सर्वोत्तम साथी बन सकतीं हैं। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री के ओएसडी श्री गुरदर्शन सिंह बाहिया सहित कई अन्य आदरणीय भी उपस्थित थे।