रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल में गोल्ली गांव की समस्याओं पर हुआ चर्चा

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बल्ला, 23 अप्रैल। ग्राम सभा गांव की संसद, ग्राम पंचायत मंत्री परिषद् और सरपंच को कहा जा सकता है गांव का प्रधानमंत्री। इसलिए पंचायत सदस्यों को भी मंत्री परिषद की तरह अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए। गांव की समस्याओं और विकास कार्यों की प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श के लिए ग्राम सभाओं की साल में कम से कम चार बार बैठकें अवश्य होनी चाहिए। गांव के प्रबुद्ध, सक्रिय और सज्जन लोगों को इन सभाओं में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। यह सुझाव हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने वीरवार को रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में दिया। वह कार्यक्रम में ‘ग्राम चर्चा अभियान’ के तहत गांव गोल्ली की समस्याओं पर ग्रामीणों के साथ चर्चा कर रहे थे।
असंध विधानसभा क्षेत्र के गांव गोल्ली की मौजूदा स्थिति और उसकी पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए गांव के सामाजिक कार्यकर्ता अनिल रोहिल्ला ने बताया कि इस गांव का कोई दस्तावेजी इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह सर्वविदित है कि इस गांव को बाबा हीरानंद ने बसाया था। गांव में बाबा हीरानंद की समाधि स्थित है और इसे उन्हीं के नाम से जाना जाता है। करीब 35 वर्ष पूर्व यहां गांव की एक जमीन को अवैध कब्जे से छुड़ाने के लिए काफी हिंसा हुई थी। काफी खून-खराबे के बाद गांव की जमीन को अवैध कब्जे से छुड़ाया जा सका। यह मामला अंततः कोर्ट के हस्तक्षेप से सुलझा।
अनिल रोहिल्ला ने बताया कि इस गांव से जुड़े एक अन्य महत्वपूर्ण नाम बाबा रामवाला को भी श्रद्धा से लिया जाता है। उनके नाम पर गांव में एक छोटा सा सुंदर मंदिर बनाया गया है जिसे ग्रामीणों ने तीर्थ का रूप दे दिया है। ग्रामीणों ने पैसे इकट्ठे कर इस तीर्थ के आसपास सुंदर पार्क का निर्माण किया है। उनकी योजना इसे विकसित कर यहां श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए धर्मशाला एवं लंगर हॉल आदि बनवाने की भी है।
डॉ. चौहान ने गांव की आबादी और उनके जातीय अनुपात पर चर्चा की तो ये बिंदु उभर कर सामने आए कि गांव में करीब साढ़े सात हजार की आबादी है जिनमें 35 सौ के करीब मतदाता हैं। यहां बैरागी, ब्राह्मण, लुहार, माली, गुज्जर व वाल्मीकि समेत करीब 16-17 बिरादरियां निवास करती हैं। गांव में जबरदस्त आपसी भाईचारा है।
डॉ. चौहान ने ग्रामीणों से गांव में हुए विकास कार्यों के बारे में पूछा तो निवर्तमान सरपंच के पति सुरेंद्र ने बताया कि गांव में व्यायामशाला, बस शेल्टर, शमशान घाट, फिरनी, स्ट्रीट लाइट व पक्की गलियों का निर्माण हो चुका है। गांव में पेयजल की भी पर्याप्त व्यवस्था है। दो नलकूप पहले से हैं और एक नया नलकूप लगने वाला है। सरकार और ग्रामीणों का पूरा सहयोग मिल रहा है। कुछ अरसा पूर्व आबादी से हटकर एक स्थान पर 132 प्लॉट गरीब तबके के लोगों को आवंटित किए गए थे जहां अभी मकानों का निर्माण नहीं हुआ है।
डॉ. चौहान ने ग्राम सचिवालय भवन के बाबत जानकारी मांगी तो ग्रामीण सुरेंद्र ने बताया कि ग्राम सचिवालय के नए भवन का निर्माण हो चुका है और इसका लोकार्पण होना शेष है।
सामाजिक कार्यकर्ता वीरेन्द्र खत्री ने बताया कि गांव के तालाब के पास स्थित करीब सवा एकड़ जमीन गंदगी का अड्डा बनी हुई है। वहां पूरे गांव का गंदा पानी जमा होता है। इस जमीन पर अतिक्रमण भी है। इस पर डॉ. चौहान ने बीडीओ से इसकी लिखित शिकायत करने का सुझाव दिया और इसकी एक प्रति रेडियो ग्रामोदय को भी भेजने की सलाह दी ताकि मामले में हस्तक्षेप किया जा सके।
चर्चा के दौरान ग्राम निवासी सुश्री अन्नू ने परशुराम मंदिर से मोर माजरा जाने वाले मार्ग पर स्थित नालियों से पानी निकासी का प्रबंध कराने का अनुरोध किया। इस पर डॉ. चौहान ने गली के लोगों को बीडीओ से लिखित शिकायत करने का सुझाव देते हुए मामले में हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया।
भाजपा बल्ला मंडल अध्यक्ष संदीप सैनी ने गांव के तालाबों की सफाई करवाने की जरूरत बताई। उन्होने कहा कि गांव में एक दो तालाबों को छोड़कर बाकी सारे तालाब खराब हैं। इसके साथ ही उसने गांव में खेल स्टेडियम बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। संदीप ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास चार एकड़ जमीन उपलब्ध है जहां स्टेडियम का निर्माण हो सकता है। उसने बताया कि गांव में व्यायामशाला पहले से है।

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