चंडीगढ़, 21 अप्रैल। आज फेसबुक लाइव के माध्यम से चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने शहर वासियों के साथ अपने विचार सांझा करते हुए यह कहा कि लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू करोना से मुक्ति पाने का एकमात्र उपाय नहीं है। कल प्रधानमंत्री के भाषण में उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि देश में लॉकडाउन करोना से बचने का आखिरी विकल्प है। अगर उनकी बात को सही माना जाए तो चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ में लॉकडाउन वह नाइट कर्फ्यू का आदेश यह संकेत करता है कि चंडीगढ़ के करोना महामारी के चलते हालात बहुत ज्यादा खराब है। 21% सकर्मण दर यह दर्शाती है करोना महामारी का प्रकोप चंडीगढ़ में दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है पिछले शुक्रवार को 2 दिन का वीकेंड लॉकडाउन लगाया गया और काफी दिन से रात का कर्फ्यू चल रहा है लेकिन इसके पश्चात भी सकर्मण दर में कमी हुई न ही मौतों के दर में कमी आई इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि लॉकडाउन में कर्फ्यू करोना को रोकने में असक्षम है। करोना के प्रकोप के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पतालों में बैड की कमी, ऑक्सीजन की कमी, औषधि की कमी, वह टीकाकरण के दवाई की कमी , वेंटिलेटर की कमी और वॉलिंटियर्स की कमी दिल दहला देती है कि आने वाला सप्ताह किस तरह का होगा। लॉकडाउन नाम सुनते ही मजदूर भाइयों का अपने गांव को पलायन यह दर्शा रहा है कि मन में किस तरीके की डर की भावना है कि कहीं पहले जैसी समस्याएं खड़ी हो गई तो जीवन व्यापन कैसे होगा ? डॉक्टरों का कहना है कि पहली खुराक के बाद लोगों का करोना से संक्रामण होना अधिक पाया जा रहा है यह भी देखने में आया है कि जिन व्यक्तियों ने टिके के दोनों खुराके ले चुके हैं वह फिर करोना से सक्रमिक हो गए है। इससे यह सिद्ध होता है कि टीका लगवाना एक सिर्फ अपनी मानसिक शक्ति को प्रबल करना है कि अब टीका लगने के बाद व्यक्ति करोना ग्रस्त नहीं होगा ।फिर यह समझ नहीं आया कि टीका लगवाने का क्या फायदा
क्या टीकाकरण एक सरकार का जुमला तो नहीं?
दीपा दुबे ने कहा की हम सभी एक अत्यंत कठिन दौर से गुजर रहे है। हमारे कई परिवारों में परेशानी चल रही है। मेरा अनुरोध है कि सभी एक दूसरे के लगातार संपर्क में रहे। बिना झिझक अपनी तकलीफ और आवश्यकताएं सांझा करे। यह वक्त भी गुजर जायेगा, दवा से ज्यादा हौसले की जरूरत है। किसी भी परिस्थिति में मनोबल कम न होने दे अपितु दुसरो की हिम्मत बढाये,हम सब एक परिवार है एक दूसरे से बातचीत करें, इस कठिन घड़ी में हम अपना मनोबल खो न सके।
चंडीगढ़ महिला कांग्रेस ने बुजुर्गों की देख रेख के लिए एक मुहिम करोना में चलाई थी। जिसका नाम ” *मेरा बुजुर्ग मेरा दायित्व* ” था उसी मुहिम के अंतर्गत भी करोना की दूसरी लहर के चलते चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की हर एक बेटी चंडीगढ़ के हर एक बुजुर्ग के साथ उनके सेवा व सुरक्षा के लिए उनके साथ खड़ी है।
दीपा ने शहरवासियों से अपील कि हम सबको इस बीमारी से एक साथ होकर लड़ना होगा। दीपा ने कहा कि चंडीगढ़ महिला कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता शहर के नागरिकों के साथ हैं शहर के नागरिकों की तत्पर सहायता के लिए खड़ा है।
क्या कॉविड टीकाकरण सरकार का एक जुमला तो नहीं?: दीपा दुबे
