चंडीगढ़, 19 अप्रैल। पंजाब अनएडेड कॉलेजिज एसोसिएशन ने सीएम, पंजाब से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया क्योंकि पंजाब में एक महीने में 100 कृषि महाविद्यालय व कॉलेजों के बंद होने की संभावना है।
पुक्का सदस्यों ने जानकारी देते हुए कहा कि हम सुरेश कुमार, मुख्य प्रधान सचिव, पंजाब के शुकरगुजार हैं क़ि वह इस मामले को विशेष रूप से पिछले साल कैबिनेट में ले गए और एक साल का एक्सटेंशन देने के लिए सीएम से आग्रह किया। लेकिन अब कुछ महीनों के बाद यह एक्सटेंशन खत्म हो जाएगा और इन 100 कृषि कॉलेजों का भविष्य हवा में लटक जाएगा।
डॉ अंशु कटारिया, अध्यक्ष, पुक्का और आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेजिज ने कहा कि पंजाब में 100 से अधिक कृषि कॉलेज हैं और लगभग 25,000-30,000 कृषि छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं और इन कॉलेजों ने राज्य के 5000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार दिया है। अगर ये कॉलेज बंद हो जाएंगे तो छात्र परेशान होंगे और बड़ी संखया में कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
पुक्का के सदस्य रशपाल सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है और न केवल पूरा देश विभिन्न फसलों के लिए पंजाब पर निर्भर है, बल्कि राज्य पूरे देश के छात्रों को कृषि शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान प्रदान करने में विदेश से भी एक कदम आगे है।
पुक्का के उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने आग्रह किया कि पंजाब सरकार के कृषि पाठयक्रमों के नियम, “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद” (आईसीएआर) के नियमों से भी अधिक कठिन हैं, जो देश में कृषि शिक्षा के लिए सर्वोच्च है। उल्लेखनीय है कि 2020 में भी कोविड-19 के कारण, पंजाब सरकार ने कॉलेजों को एक वर्ष का एक्सटेंशन दिया है और इस वर्ष भी महामारी बढऩे के कारण कॉलेजों के लिए इतने कम समय में सभी मानदंडों को पूरा करना कठिन है, यही वजह है कि अनएडेड कॉलेजों ने एक्सटेंशन का आग्रह किया है।
पंजाब में 100 कृषि कॉलेजों के बंद होने की संभावना: पुक्का
