लॉकडाउन में बच्चों के पेपर करवाने को लेकर दीपा दूबे के प्रशासन एवं मोदी सरकार पर साधा निशाना

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चंडीगढ़, 19 अप्रैल। लॉक डाउन के दूसरे दिन शहर भर के स्कूलों में रविवार को देश के हर कोने से बच्चे परीक्षा दिलवाए जाने पर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे ने चंडीगढ़ प्रशासन के दोगले रवैया को लेकर गंभीर सवाल उठाए है । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि एक तरफ कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है वहीं देश के इन भावी भविष्यों को परिक्षा के नाम पर इनसे खिलवाड़ किया जा रहा है।
दीपा ने जारी एक बयान में कहा कि एक तरफ तो शहर भर में वीकेंड लॉक डाउन लगा दिया गया है और हर जगह पर आने आने पर रोक लगा दी गई है। फिर देश के भविष्य के इन बच्चों के साथ मोदी सरकार क्यों खिलवाड़ कर रही है । उन्होंने कहा की कोरोना के नाम पर जहा पर चंडीगढ़ के दुकानों को बंद करवा दिया गया है वहीं उन बच्चों की जान जोखिम में डाल कर परिक्षा क्यों करवाई जा रही है। उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से पूछा है कि क्या करोना दुकानदारों से लोगों को होगा है। एक तरफ दुकानें बंद करवा देना और दूसरी तरफ शहर भर के सरकारी प्राइवेट स्कूलों में आज एनडीए का पेपर लेना क्या वाजिब है?
स्कूलों के बारह बच्चों की भारी भीड़ वाली तस्वीरों से यह साफ पता चलता है कि आज बच्चों के पेपर में कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग कोविड-19 के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गई। लेकिन सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन आंखें मुंदे बैठा है ।एक तरफ तो सरकार शहर के वासियों को घरों के अंदर रहने के आदेश दे रही हैं वही दूसरी तरफ दूसरे चंडीगढ़ वे दूसरे शहर के बच्चों को चंडीगढ़ में परीक्षाओं के लिए बुला रही । लॉकडाउन के चलते यह परीक्षा सामान्य दिनों में ली जा सकती थी। आज देश भर में जहां 2,00,000 से भी अधिक करोना के मामले सामने आ चुके हैं और उसके बाद चंडीगढ़ में 625 से ऊपर करोना के मामले सामने आए हैं। जब आज की स्थिति में सभी स्कूल बच्चों के लिए बंद कर दिए गए हैं । तब 2 दिन के विकेंड लॉकडाउन में परीक्षा रविवार को ना लेकर किसी भी सप्ताहिक दिन में नहीं जा सकती थी ।
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा की एक तरफ तो मोदी सरकार जे.ई.टी, एन.ए.टी वे 10वी और 12वी आदि की अन्य परीक्षाएं रद्द व स्थगित हो सकती हैं तो आज चंडीगढ़ प्रशासन ने आज की परीक्षा चंडीगढ़ में क्यों रद्द नहीं की? दीपा दुबे ने मोदी सरकार और चंडीगढ़ के प्रशासन से प्रश्न किया कि बच्चों और दुकानदारों के साथ आखरि यह सोतेला व्यवहार क्यों?

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