चण्डीगढ़, 14 अप्रैल। सुचारू रूप से चल रहे तथा पिछले पांच साल से लगातार मुनाफे में चल रहे चण्डीगढ के बिजली विभाग का किया जा रहा निजीकरण रद्द करने, जनवरी 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों पर लागू न्यू पैंशन स्कीम रद्द कर पुरानी पैंशन बहाल करने, बिजली विभाग में खाली पड़ी प्रमोशन तथा सीधी भर्ती की पोस्टों को संशोधित पोस्टों के हिसाब से तुरंत भरने तथा बढ़ रहे काम के आधार पर नई पोस्टे दिलाने तथा भर्ती व प्रमोशन के नियमों में कर्मचारी हित में संशोधन करने, पिछले साढ़े 5 साल से बिना कारण जानबूझ कर निलंबित रखे गये इंजीनियर श्याम लाल की सेवायें शीघ्र बहाल कराने, 5 प्रतिशत सीलिंग खत्म कर पंजाब /पीएसपीसीएल के आधार पर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने, 9/16/23 साल के वेतनमान शीघ्र देने तथा 2005 से पैंडिग पे-बैंड तुरंत बहाल करने, बिजली विभाग में संशोधित पोस्टों पर रखे गये आऊटसोर्स कर्मचारियों को विभाग के अधीन कर उनके लिए रैगूलराईजेशन की पॉलिसी बनाने तथा पक्के होने तक बराबर काम के आधार पर बराबर वेतन देने, सीनियर व जुनियर कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने, सैंटरलाईज पे स्ट्रक्चर गठित करने, विभाग में सामान का इंतजाम करने, फील्ड के कर्मचारियों को औजार तथा सुरक्षा उपकरण तेल, साबुन, वर्दियां तथा स्टेशनरी, सीटिंग प्रबंध, कम्पयूंटर आदि का उचित प्रबंध करने, आदि मांगों पर चण्डीगढ़ प्रषासन द्वारा अपनाये जा रहे अड़ियल तथा नकारात्मक रवैये के विरोध में बिजली कर्मचारियों द्वारा 20 अप्रैल 2021 को 24 घण्टे की पैन डाऊन/टूल डाऊन हड़ताल की तैयारी पूरी कर ली गई है।
यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह, महासचिव गोपाल दत्त जोषी, संयुक्त सचिव अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, कषमीर सिंह, रणजीत सिंह, सुखविन्द्र सिंह आदि पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार तथा चण्डीगढ़ प्रषासन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आरोप लगाया कि सरकार तथा प्रषासन मनमाने ढ़ग से बीडिंग प्रौसेस की सरेआम उल्ंघना कर रहा है तथा लगातार कंपनियों के हित में काम कर रहा है जिसे कर्मचारियों तथा उपभोक्ताओं की रत्ती भर भी चिंता नहीं है। बार बार अनुरोध तथा संघर्ष के बावजूद प्रषासन कर्मचारियों की मांगों को सुनने को भी तैयार नहीं है तथा निजीकरण की आड़ में सारे काम काज ठप्प करके बैठा है जिस कारण कर्मचारियों की छोटी-छोटी समस्याऐं भी लंबित पड़ी है लेकिन प्रषासन के अधिकारी कुंभकरण की नींद सोये हुए हैं। युनियन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर निजीकरण की प्रक्रिया रद्द कर शीघ्र मांगों का समर्थन नहीं किया तो 20 तारीख की हड़ताल के बाद अनिष्चितकालिन संघर्ष का ऐलान किया जाएगा जिस कारण आम जनता को होने वाली परेषानी के लिए चण्डीगढ़ प्रषासन का लोक विरोधी रवैया जिम्मेवार होगा।