मोहाली, 13 अप्रैल। 45 वर्षीय महिला का हाल ही आईवी अस्पताल, मोहाली में एंडोवास्कुलर न्यूरोसर्जरी से एक बड़े आकार के ब्रेन एन्यूरिज्म (धमनी में उभार) का सफल इलाज किया गया।
बठिंडा की रहने वाली अंजलि (बदला हुआ नाम) को तेज सिरदर्द का सामना करना पड़ रहा था। एमआरआई में राइट इन्टर्नल कैरोटिड आर्टरी (धमनी) में एक 2.5 सेमी आकार का एन्यूरिज्म पाया गया जोकी समस्या का कारण था।
पहले इस तरह की समस्या का इलाज ओपन सर्जरी से किया जाता था, लेकिन न्यूरो इंटरवेंशनल एंड एंडोवस्कुलर न्यूरोसर्जरी के हैड डॉ विनीत सग्गर पिछले 5 सालों से आईवी अस्पताल में इस तरह के मरीज का एंडोवस्कुलर न्यूरोसर्जरी से सफल इलाज कर रहे हैं।
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए डॉ सग्गर ने कहा कि इस तकनीक में धमनी के माध्यम से कैथेटर को एन्यूरिज्म तक पारित किया जाता है, जिसे बाद में कॉइल के साथ सील कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि आजकल फलो डायवर्टर या स्टेंट-असिस्टेड कोइलिंग का उपयोग ऐसे बड़े एन्यूरिज्म के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक जटिल मामला था क्योंकि रोगी की प्रभावित धमनी बहुत खराब स्थिति में थी। इसके कारण, इसमें फलो डायवर्टर या स्टेंट डालना मुश्किल था क्योंकि अवरुद्ध होने की कॉफ़ी संभावना थी।
डॉ सग्गर ने आगे बताया कि प्रभावित धमनी को अवरुद्ध करने का निर्णय लिया गया। बेलून अक्लूजऩ टेस्ट की मदद ली गई। यह एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया थी ।
डॉ सग्गर ने यह भी बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के रोगियों का उपचार इस एंडोवस्कुलर न्यूरोसर्जरी प्रक्रिया से भी किया जा सकता है। यदि स्ट्रोक से पीडि़त रोगी को स्ट्रोक के 4-5 घंटे के भीतर अस्पताल में लाया जाये, तो स्ट्रोक से प्रभावित क्षेत्र को मैकेनिकल थ्रौमबेक्टोमी द्वारा खोला जा सकता है और रोगियों की जान बचाई जा सकती है।