प्रधानमंत्री द्वारा 4-दिवसीय “टीका उत्सव” करोना के खिलाफ एक संराहनीय कदम: रतनलाल कटारिया

प्रधानमंत्री द्वारा 4-दिवसीय “टीका उत्सव” करोना के खिलाफ एक संराहनीय कदम: रतनलाल कटारिया
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चंडीगढ़, 13 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करोना के खिलाफ एक और बड़े युद्ध की शुरूआत के रूप में “टीका उत्सव” की सराहना करते हुए केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने हाल ही में वरिष्ठ नागरिकों के टीकाकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने हेतु अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मोदी द्वारा संप्रेषित संदेश के समर्थन में कटारिया ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ पिछले कुछ महीनों में उनके मंत्रालय के योगदान को उजागर किया। कटारिया भारत रतन डॉ0 बीआर अंबेडकर की 130वीं वर्षगांठ के अवसर पर कुरुक्षेत्र विशावविद्यालय द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे ।
कटारिया ने जानकारी दी कि उनके मंत्रालय ने, स्वास्थ्य मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ मिलकर इस संकट की घड़ी में वरिष्ठ नागरिकों एवं उनकी देखभाल करने वालों के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। इस एडवाइजरी में वरिष्ठ नागरिकों के वास्ते उन कार्यों की सूची दी गई है जो ‘करने हैं’ और जो ‘नहीं करने हैं’। यह एडवाइजरी आश्रित वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल रखने वालों के लिए तथा उनकी मानसिक स्थिति को ठीक रखने के वास्ते भी है। मंत्रालय ने अनुदेशों और उपायों की एक सूची का उल्लेख करते हुए एक कार्यालय ज्ञापन भी जारी किया है, जिनका अनुपालन एकीकृत व्यसनी पुनर्वास केंद्रों / वृद्धाश्रमों / एससी आवासीय / गैर-आवासीय स्कूलों / छात्रावासों में गैर-सरकारी संगठनों और क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा किया जाएगा।
कटारिया ने इस संकट का सामना करने के लिए सुरक्षित पारिस्थितिकीय प्रणाली सुनिश्चित करने हेतु सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों की भी चर्चा की। राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक कार्य-योजना (एनएपीएसआरसी) की एक उप-स्कीम, एकीकृत वरिष्ठ नागरिक कार्यक्रम (आईपीएसआरसी) के अंतर्गत, यह मंत्रालय अन्य संगठनों के साथ-साथ, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को वरिष्ठ नागरिक गृहों (वृद्धाश्रमों), डिमेंशिया/अल्जाइमर से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों हेतु सतत देखभाल गृहों, 50 वृद्ध महिलाओं के लिए गृहों का संचालन और अनुरक्षण करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। उन्होने आईपीएसआरसी के अंतर्गत किए गए प्रयासों पर ध्यान आकृष्ट किया जिनके माध्यम से निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे गृहों में आश्रय दिया जाता है, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है और उन्हें पौष्टिक आहार दिया जाता है।
कटारिया ने इस बात पर प्रकाश डाला की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने आईपीएसआरसी के अंतर्गत अग्रिम किश्त के रूप में संगठनों को लगभग 63 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए हैं।
उन्होने जी ने यह उल्लेख किया कि सरकार बीपीएल श्रेणी से संबंधित वरिष्ठ नागरिकों, जो आयु-जन्य विकलांगता/अशक्तताओं से पीड़ित हैं, उनको निःशुल्क सहायक यंत्र और जीवन सहायता उपकरण प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय वयोश्री योनजा का भी कार्यान्वयन कर रही है। तथापि, कोविड-19 और लॉकडाउन की घोषणा के कारण, अक्टूबर, 2020 से पहले वितरण शिविरों का आयोजन नहीं किया जा सका। तब से, सभी सुरक्षा उपाय करते हुए, 37 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है जिनमें इस कठिन समय के दौरान 20337 वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिला है।
कटारिया ने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठ नागरिक, समाज के वंचित वर्गों में से एक वर्ग है और उनकी अपनी आयु-जन्य समस्याएं होती हैं जिनके साथ इस वैश्विक महामारी से संबंधित अन्य समस्याएं भी जुड़ गई हैं। इसके अलावा, निर्धन वरिष्ठ नागरिक इतने संवेदनशील होते है कि वे आयु-जन्य बीमारियों के शिकार जल्दी हो जाते हैं। तथापि, श्री कटारिया जी ने यह बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को कोई कठिनाई नहीं हो और उनका बहुत ध्यान रखा जाए तथा उन्हें पुनर्वासित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री द्वारा यह टीका-उत्सव सुप्रसिद्ध समाज सुधारक श्री ज्योतिराव फूले की 194वीं जयंती के अवसर पर 11 अप्रैल से शुरू किया गया, जो डॉ. बाबा साहेब अबेंडकर की 130वीं जयंती, अर्थात 14 अप्रैल, 2021 तक चलेगा। प्रधानमंत्री ने देश की उच्च घनत्व वाली जनसंख्या का हवाला देते हुए लोगों से यह अनुरोध किया कि वे व्यक्तिगत स्वच्छता और सामाजिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने इस संदर्भ में 4-कदम सुझाए ताकि हम इस वायरस को फैलने से रोक सकें और उन लोगों की सहायता करने का महत्व समझाया जो कम पढ़े-लिखे हैं तथा बुजुर्ग है; स्वयं टीका लगवाने के लिए नहीं जा सकते हैं। उन्होंने लोगों को यह भी बताया कि उन वरिष्ठ नागरिकों का विशेष ध्यान रखा जाए जो संवेदनशील हैं और जिन पर इस वायरस की चपेट में जल्दी आ कर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है।

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