चंडीगढ़, 24 अगस्त। चंडीगढ़ मैनेजमेंट एसोसिएशन (सीएमए) ने बुधवार को मोहाली में प्लाक्षा विश्वविद्यालय में “शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भविष्य” पर एक विशेषज्ञ पैनल चर्चा का आयोजन किया।
प्लाक्ष में अत्याधुनिक रोबोटिक्स और एआई के संस्थापक फैकल्टी डॉ शशांक तामस्कर ने कहा कि देश में शिक्षा प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ी को उभरती प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के साथ तालमेल बिठाकर रोजगार योग्य बनाया जा सके। विश्वविद्यालय।
दुनिया भर में एआई क्षेत्र में प्रमुख शोध के बावजूद वैज्ञानिक मानव मस्तिष्क के केवल 1 प्रतिशत को ही बनाने में सक्षम हो सकीय है।
रोबोचैम्प्स के सह-संस्थापक अक्षय आहूजा, जिन्होंने भारत में 10,000 से अधिक स्कूलों में रोबोटिक्स, कोडिंग और एआई लैब स्थापित करने का श्रेय दिया है, ने कहा कि नई शिक्षा नीति के बावजूद जहां रोबोटिक्स स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बन गया है, उसकी इम्प्लीमेंटेशन में अभी भी बहुत कमियां हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में एआई की बढ़ती तैनाती के साथ, स्कूल स्तर पर बच्चों में प्रौद्योगिकी को समझने और उपयोग करने की बेहतर क्षमता है।
सत्र का संचालन लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से जुड़े सीएमए के उपाध्यक्ष रजनीश मित्तल ने किया, ताकि छात्रों को रोबोटिक्स में व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जा सके।
अध्यक्ष गुरसिमरन सिंह ओबेरॉय ने पैनलिस्टों की सराहना की, जबकि महासचिव अभिषेक गुप्ता ने प्रतिभागियों के लिए विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स लैब के दौरे का समन्वय किया।
सीएमए ने विशेषज्ञों के साथ शिक्षा में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस महत्व पर सेशन आयोजित
