चंडीगढ़, 18 अगस्त। पंजाब राज्य की जेलों में बंद कैदियों में पढ़ने के सभ्याचार को प्रफुलित करके कैदियों की ज़िंदगी सुधार कर उनको मुख्यधारा में लाने के मकसद से जेल विभाग की तरफ से कैदियों को शैक्षिक माहौल मुहैया कराने के लिए हर जेल में 50 विद्यार्थियों के सामर्थ्य के क्लासरूम बनाने की योजना है।
यह जानकारी आज यहां पंजाब राज्य के जेल मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि सरकार की तरफ से कैद के दौरान शिक्षा हासिल करने को अच्छे व्यवहार/ सजा माफी के लिए तय मापदण्डों में शामिल करके ऐसे कैदियों को लाभ देना भी विचाराधीन है।
स. बैंस ने बताया कि पहले पंजाब राज्य में स्थापित होने वाली हर जेल में पचास विद्यार्थियों के सामर्थ्य वाले 2 से 3 कमरे बनाऐ जाएंगे और साथ ही भविष्य में अगर और कमरों की ज़रूरत हुयी तो उसकी भी पहले ही जगह निश्चित कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि जेलों में बंद कैदियों के लिए पुस्तकालय की सुविधा में विस्तार किया गया है जिससे उनका मार्गदर्शन किया जा सके।
मंत्री ने कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पंजाब राज्य को अपराध मुक्त करने के लिए वचनबद्ध है और इस राह पर व्यापक प्रयास किये गए हैं, इन प्रयासों के अंतर्गत ही जेलों में बंद कैदियों को भी सही राह पर लाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की गई हैं।
जेल मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय पंजाब की जेलों में कैदियों की शैक्षिक योग्यता ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के आधार पर की गई है। शैक्षिक योग्यता ‘क’ अधीन कुल 271 कैदी आते हैं, जो बिल्कुल अनपढ़ हैं जिनको पंजाब सरकार के एस. सी. ई. आर. टी. प्रोग्राम के द्वारा जेल में ही शिक्षा देकर पढ़ने-लिखने के समर्थ किया जाता है। इसी तरह कैटागरी ‘ख’ के अधीन उन कैदियों को रखा गया है जो कि 10वीं और 12वीं करने के इच्छुक हैं। इन कैदियों के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूल के पास नाम दर्ज करवाए गए हैं, इन कैदियों की संख्या 75 है। इसी तरह कैटागरी ‘ग’ के अधीन कुल 49 कैदी हैं, यह वह कैदी हैं जो 12वीं पास हैं और ग्रेजुएशन और उच्च विद्या हासिल करने के इच्छुक हैं। इन विद्यार्थियों के नाम जगत गुरू नानक ओपन यूनिवर्सिटी पटियाला के अलग अलग पाठ्यक्रमों में दर्ज करवाए गए हैं। इसके इलावा इन कैदियों को नामी यूनिवर्सिटियों जैसे कि इगनू से भी डिग्रियां हासिल करने के मौके दिए जा रहे हैं।