चण्डीगढ, 11 अगस्त। तालाब व अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण हरियाणा के सदस्य तेजिन्द्र सिंह तेजी ने कहा कि प्रत्येक गांव में तालाब एवं जोहड़ हरियाणा के समृद्ध इतिहास का अभिन्न अंग हैं। बहुत से जोहड़ तो धार्मिक महत्व रखते हैं और ग्रामीण इनकी पूजा करते हैं। तालाब प्राचीन धरोहर के साथ साथ हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं और हमारे पूर्वज तालाब को पूज्य मानते रहे हैं।
अमृत सरोवर योजना के अंर्तगत करनाल के गांव समौरा में मनरेगा मजदूरों ने तालाब को राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व मनाया और तालाब की सफाई का कार्य आरम्भ किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तालाब संरक्षण के विषय को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा तालाब प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण के पास प्रदेश के 19290 तालाबों का डाटा उपलब्ध है। तालाबों की पहचान के लिए हर तालाब को एक यूनीक कोड दिया गया है। अमृत सरोवर योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के 1800 तालाबों का सौंदर्यीकरण और सुधारीकरण किया जाएगा। हर जिले में 75- 75 तालाबों को इस योजना में शामिल किया गया है।
तालाब व अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण हरियाणा के सदस्य तेजिन्द्र सिंह तेजी ने कहा कि प्राचीन समय से ही तालाबों को महत्व दिया जाता आ रहा है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले तालाब की पूजा अर्चना की परंपरा सदियों पुरानी है। शास्त्रों में भी तालाब को रक्षक के रूप में दर्शाया गया है तभी देश के प्रत्येक गांव में एक से अधिक तालाब हैं जो वर्षा जल संचयन के साथ साथ भूमिगत जल के स्तर को बढाने का कारक हैं।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण एक गंभीर मुद्दा है। पहले लोग पारस्परिक सहयोग से तालाब खोदते थे, लेकिन काफी समय से लोगों द्वारा तालाबों की साफ सफाई की ओर कोई ध्यान नही दिया गया, जिसके कारण ये प्रदूषित हो गए। तालाबों का पानी ओवरफ्लो होने लगा है, लेकिन अब तालाब प्राधिकरण ने माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल मार्गदर्शन में इन तालाबों को ठीक करने का बीड़ा उठाया है।