मुख्यमंत्री ने सीधी अदायगी के मुद्दे पर प्रधान मंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री ने सीधी अदायगी के मुद्दे पर प्रधान मंत्री को लिखा पत्र
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चंडीगढ़, 3 अप्रैल। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सीधी अदायगी के मुद्दे पर आपसी सहमति बनाने तक किसानों को अदायगी किये जाने की मौजूदा प्रणाली जारी रखने की माँग की है।
यह जिक्र करते हुए कि आढ़ती, किसानों और खरीद एजेंसियों के दरमियान बिचैलिए नहीं हैं बल्कि सर्विस प्रोवाईडर हैं, मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री को यह यकीनी बनाने की अपील की कि अनाज की निर्विघ्न खरीद में शामिल किसानों और सभी पक्षों की रोजी-रोटी खतरे में न पड़े।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनसे मौजूदा प्रणाली को बदलने से स्थिति हाथ से लिकलने से पहले अलग-अलग पक्षों की चिंताओं संबंधी अवगत करवाने के लिए मुलाकात का समय भी मांगा। पंजाब सरकार की तरफ से उन्होंने प्रधानमंत्री को लंबे समय के लिए किये जाने वाले मजबूत सुधारों के लिए सम्बन्धित पक्षों के दरमियान सहमति बनाने के लिए सहयोग का भरोसा दिया।
भारत सरकार के कुछ दिशा-निर्देशों और आदेशों के द्वारा कानूनी तौर पर मंजूर और पूरी तरह स्थापित संस्थागत और सामाजिक प्रबंधों में हिलजुल होने संबंधी ताजा यत्नों पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार के एकतरफा फैसलों और उठाए गए कदमों के उदाहरणों का नोटिस लिया है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि खुद एक फौजी और किसान होने के नाते वह ऐसे खतरों को उजागर करना चाहते हैं जो मुल्क की अनाज सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं जिसके नतीजे के तौर पर कुछ फैसले देश के इस हिस्से में किसान के साथ जुड़ी जमीनी हकीकतों से पूरी तरह दूर हैं। हरित क्रांति लाने और राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेहनतकश किसानों की भूमिका का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा ढांचा दशकों में खड़ा किया गया है परन्तु इसको पलों में तो तबाह नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, चाहे मैं इस बात के साथ पूरी तरह सहमत हूँ कि एक समाज और एक राष्ट्र के तौर पर और विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्र की राजनैतिक लीडरशिप के नाते हम सुधारों संबंधी आगे बढ़ने के लिए निरंतर सोच-विचार करते रहेंगे परन्तु मेरा यह मानना है कि सुधार तब ही कामयाब और टिकाऊ साबित होंगे, यदि सभी पक्षों के साथ सलाह-मशवरों की प्रक्रिया अपनाई जाये।
मुख्यमंत्री ने इस मसले पर प्रधानमंत्री की दखल की माँग करते हुए उनको इस संबंधी खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और केंद्रीय वित्त मंत्रालय को सलाह देने की अपील की जिससे आपसी सहमति के द्वारा सभी को मंजूरशुदा प्रणाली तैयार करने के लिए किसानों, खेत कामगारों और आढ़तियों समेत सम्बन्धित पक्षों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि किसानों और आढ़तियों के दरमियान एक-दूसरे की निर्भरता वाला रिश्ता कई पीढ़ीयों से चलता आ रहा है जो कृषि प्रणाली को मौजूदा स्तर तक पहुँचाने में मददगार साबित हुआ है। यहाँ तक कि यह रिश्ता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे निर्विघ्न खरीद की जाती है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री से अपील की कि किसानों को अदायगी करने का समय घटाने या खरीद एजेंसियांे द्वारा किसानों को सीधी अदायगी समेत किस भी सुधार संबंधी सबसे पहले किसानों, आढ़तियों और खरीद एजेंसियों समेत सभी भागीदारों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए क्योंकि अचानक कोई भी ऐसा बदलाव मौजूदा प्रबंधों में विघ्न पैदा करने का कारण बनेगा जो खरीद कार्यों को प्रभावित कर सकता है। इससे न सिर्फ मुल्क की खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि लाखों किसानों, खेत कामगारों और यहाँ तक कि व्यापारियों के जीवन को भी खतरे में डालेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आढ़ती फसल की बोली से पहले फसल को सुखाने और साफ करने और उसके बाद उपज को बोरियों में भरने और खरीद एजेंसी की तरफ से लिफ्टिंग करने तक उसे सुरक्षित रखने की भूमिका अदा करता है। आढ़ती वह सर्विस मुहैया करवाने और कार्य करने की जिम्मेदारी निभाता है जो या किसान को या फिर खरीद एजेंसी को निभानी होगी। इनमें बड़ा खर्चा शामिल है जो किसानों को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
इस सम्बन्धर राज्य सरकार की तरफ से किये गए सुधारों का जिक्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री के ध्यान में लाया कि पंजाब ने खरीद में पारदर्शिता लाने और अदायगी की ट्रेकिंग को यकीनी बनाने के लिए यत्न किये हैं जिसके अंतर्गत ऑनलाइन अनाज खरीद पोर्टल (http://anaajkharid.in) अमल में लाया है जिस पर सभी किसानों को रजिस्टर्ड किया हुआ है और खरीद भी इस पोर्टल के द्वारा की जाती है। आढ़तियों को अदायगी भी इस अनाज खरीद पोर्टल के जरिये ही आॅनलाइन की जाती है और आढ़तीयों की तरफ से किसानों को की जाती अदायगी का भी अनाज खरीद पोर्टल पर रिकार्ड दर्ज होता है और यह पोर्टल भारत सरकार के पी.एफ. एम.एस. पोर्टल के साथ जुड़ा हुआ है।
मौजूदा नियमों और अदालती फैसलों का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि किसानों को उपज के भुगतान के लिए आजादी और चयन की व्यवस्था मुहैया करवाई गई है। उन्होंने बताया कि हर साल दो फसलीय सीजनों में 12.50 लाख किसानों को 54,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस संबंधी किसानों से अदायगी संबंधी कोई बड़ी शिकायतें नहीं मिलीं। उन्होंने कहा कि उच्च दर्जे की जागूरकता और किसानों के दरमियान आपसी भरोसे के मद्देनजर यह कहना मुश्किल है कि इस सम्बन्धी किसान जागरूक या सशक्त नहीं हैं।

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