पुलिस और वकीलों के बीच तकरार किसी के हित में नहीं: डॉ. चौहान

पुलिस और वकीलों के बीच तकरार किसी के हित में नहीं: डॉ. चौहान
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करनाल, 14 जुलाई। भारतीय समाज में अधिवक्ताओं को प्रबुद्ध नागरिकों में अग्रणी माना जाता है। क़ानून के रखवाले पुलिस अधिकारियों और न्याय के मददगार वकीलों के मध्य रार-तकरार किसी के हित में नहीं है। हरियाणा सरकार किसी भी अधिकारी को, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, किसी अधिवक्ता या आम नागरिक के साथ असंयत होकर बर्ताव करने की इजाज़त नहीं देती। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यहाँ धरने पर बैठे असंध बार एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उल्लेखनीय है कि असंध के वकील दो दिन से एएसपी गौरव राजपुरोहित पर एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अनिश्चितक़ालीन धरने पर बैठे हैं।
डॉ. चौहान ने धरने पर बैठे वकीलों के बीच बैठकर उनका पक्ष जाना। वकीलों ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पर एडवोकेट भाटिया के साथ बदसलूकी करने और नियमों के विरुद्ध जाकर मोटरसाइकल को इम्पाउंड करने का आरोप मढ़ा।
डॉ.चौहान ने कहा कि प्रशासन के आला अधिकारियों को बार प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर मामले को सुलझाने के लिए कहा गया है। पुलिस अधीक्षक गंगा राम पूनिया स्वयं असंध आकर दोनों पक्षों के मध्य सुलह के सूत्र को सिरे चढ़ाएँगे। उन्होंने अधिवक्ताओं की भावनाएँ सरकार तक पहुँचाने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि हर आंदोलन को आक्रोश के मोड़ के बाद संवाद का मोड़ लेना होता है।
बातचीत से बड़े से बड़े मसले सुलझाए जा सकते हैं। इस अवसर पर बार के अध्यक्ष एडवोकेट चंद्रपाल और पूर्व सचिव एडवोकेट नरेंद्र शर्मा ने धरने पर पहुँच कर आहत वकीलों से बात करने के लिए भाजपा नेता डॉ. चौहान का आभार जताया। वकीलों की तरफ़ से एडवोकेट इंदरजीत और सुखबीर सिंह मान ने धरने की वजह पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर
बार प्रेसिडेंट चंद्रपाल राणा, जनरल सेक्रेटरी उत्तम तुरन, एडवोकेट नरेंद्र शर्मा, एस. एल. सिंहल, बलविंदर गलियान, मनदीप सिंधड, जसमेर हुड्डा, करण सिंह राणा, सत्य प्रकाश शर्मा, गुरपाल भट्टी आदि मौजूद रहे।

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