गांव राहड़ा का तालाब बन रहा अमृत सरोवर, चारों ओर बनेगी हरित पट्टी: डॉ. चौहान

गांव राहड़ा का तालाब बन रहा अमृत सरोवर, चारों ओर बनेगी हरित पट्टी: डॉ. चौहान
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करनाल, 30 जून। अपने गांव के मसलों को सुलझाने के लिए ग्राम वासियों को स्वयं आगे बढ़कर कार्य करना होगा। सरकार और शासन अनुकूल है मगर उन तक अपनी बात पहुंचाना भी जरूरी है। गांव की समस्याओं पर कभी चुप न बैठें। पंचायत ही गांव का मंत्रिमंडल होती है। इसलिए गांव की समस्याएं सुलझाने के लिए गांव वासियों को आगामी चुनाव में एक अच्छी पंचायत का चुनाव करना चाहिए। यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने ‘म्हारे गाम की बात’ में राहड़ा के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान कही। डॉ. चौहान ने कहा कि गांव राहड़ा के तालाब को विकसित कर इसे अमृत सरोवर का रूप दिया जा रहा है और इसके चारों ओर सुंदर पटरी तैयार की जाएगी। इस पटरी पर पेड़- पौधे लगाए जाएंगे ताकि लोगों को सैर करने के लिए उचित स्थान मिल सके। ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि तालाब के अलावा गांव के श्मशान घाट को भी हरित क्षेत्र बनाया जाए।
जीवीएम स्कूल के संचालक सुरेंद्र राणा ने 10 मिनट पहले पूरा कर लेना कहा कि गांव राहडा एक पुराना गांव है जिसे 1365 ईस्वी और संवत 1422 में बसाया गया था। करीब 25 हजार की आबादी वाले इस गांव में 10 हजार मतदाता हैं। गांव में दो सरकारी स्कूल हैं जिनमें एक सीनियर सेकेंडरी दूसरा 10 वीं स्तर तक का है। एक स्कूल सिर्फ लड़कियों के लिए है, तो दूसरे में को-एजुकेशन की व्यवस्था है। इसके अलावा गांव में 4 निजी स्कूल भी हैं।
मास्टर सुरेंद्र ने बताया कि गांव में बाबा नखी गिरी जी का 12-13 सौ साल पुराना डेरा है जिसमें एक गौशाला भी है। गौशाला में करीब 700 गोवंश हैं। उन्होंने बताया कि यह गांव राजपूत बहुल है जिसमें उनके 4000 से ज्यादा वोट हैं। सात-आठ सौ वोट ब्राह्मणों के हैं तो हरिजन वोट 1000, करीब 300 वोट वाल्मीकियों के और लगभग 700 वोट रोड बिरादरी के हैं। ग्रामीण यशपाल सिंह ने कहा कि पानी की निकासी इस गांव की सबसे प्रमुख समस्या है। जोहड की खुदाई हो रही है फिर भी गलियों और सड़कों पर पानी जमा है। डॉ. चौहान ने जब यह पूछा कि गलियों की सफाई क्यों नहीं हो रही, तो यशपाल ने बताया कि कर्मचारियों के अभाव के कारण सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं है। डॉ. चौहान ने कार्यक्रम के दौरान असंध के बीडीपीओ नरेश शर्मा से इस समस्या को लेकर बात की और नाले की सफाई के लिए प्रभावी उठाने को कहा।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि पानी की निकासी के लिए नाले की सफाई होना बहुत जरूरी है। मास्टर सुरेंद्र ने कहा कि नाला पूरी तरह कचरा और गंदगी से अटा पड़ा है। इसकी सफाई हो जाए तो यह बरसाती सीजन आसानी से निकल जाएगा। भाजपा प्रवक्ता ने उन्हें नाले की सफाई 3-4 दिन में हो जाने का आश्वासन देते हुए कहा कि इसके लिए अफसरों के पीछे मुस्तैद होना होगा। इस समस्या का ऐसा स्थाई समाधान हो जिसमें गांव वासियों का भी योगदान रहे। ग्रामीण तरसेम सिंह ने गांव की गलियों और सड़कों की बदहाली का मुद्दा उठाया। ग्रामीण आशीष ने कहा कि हम खुद को बदलेंगे तभी अपना गांव ही बदलेगा। कुछ गलियों की हालत पानी की पाइपलाइन डाले जाने के बाद से बेहद खराब है। वहां पानी निकासी का रास्ता लगभग बंद हो चुका है। पानी जमा होने के कारण ही गलियों की दशा खराब हुई है।
मास्टर सुरेंद्र ने कहा कि पानी की आपूर्ति न होने के बावजूद पानी के बिल भेजे जा रहे हैं। गांव में न कोई स्वागत बोर्ड है, न ही श्मशान घाट तक जाने का रास्ता। स्वास्थ्य केंद्र का भी अभाव है। नरेंद्र राहडा ने बताया गांव के लिए डिस्पेंसरी मंजूर हो चुकी है, सिर्फ जमीन को लेकर कुछ अड़चनें बाकी हैं। नरेंद्र राणा ने ग्राम वासियों को ग्रामोदय रेडियो के साथ जुड़कर गांव की तरक्की में योगदान करने के लिए भी प्रेरित किया। इस परिचर्चा में इनके अलावा पूर्व सरपंच ओमपाल राणा और कुलदीप सिंह के अलावा कई अन्य ग्रामीणों ने भी भाग लिया।

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