चंडीगढ़, 1 अप्रैल। अनुसूचित जाति की मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्याओं का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी सरकार में जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कोई सार्थक कदम उठाने के लिये नाकामयाब है और दलित समुदाय असहाय हो गया है इन विचारों को व्यक्त करते हुए, नैशनल शैडयूल्ड कास्ट्स एलाईंस के अध्यक्ष, परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि पिछले महीने में दलित समुदाय की मासूम लड़कियों की हत्याकांड और बलात्कार की घटनाओं ने गरीब परिवारों में भय और दहशत का माहौल पैदा किया है। राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इन अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों के छात्रों की निर्मम हत्याओं और बलात्कार से पीड़ित के परिवारों के साथ कोई सहानुभूति व्यक्त नहीं की और पंजाब में बलात्कार और हत्याओं के खिलाफ तुरन्त कार्रवाई की बात पर जोर नहीं दिया कांग्रेस नेताओं का यह दोहरा मापदंड व दलित समुदाय विरोधी चेहरा सामने आता है।
कैंथ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की वे अनुसूचित जाति कि लड़कियों की हत्याकांड और बलात्कार की संख्या में लगातार वृद्धि को गंभीरता से लें और कैप्टन सरकार के खिलाफ तुरन्त कार्रवाई की जाऐ।
कैंथ ने कहा कि मोगा जिले में दो छात्र लड़कियों की हत्या और लुधियाना जिले के समरला के तहत एक गाँव में मासूम लड़की से बलात्कार के आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस विफल रही और इस तरह से होशियारपुर जिले में एक नाबालिग छात्रा के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी और अभी तक कोई सार्थक कदम उठाने और गिरफ्तार करने मे पुलिस विफल है। हैरानी की बात है की किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी विधायक ने इसकी निंदा नहीं की व सख्त कानूनी कार्रवाई के लिए कोई बयान जारी नहीं किया।
कैंथ ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से अपील की पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों मुख्य सचिव विन्नी महाजन और पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता को दिल्ली बुलाकर कैप्टन सरकार मे अनुसूचित जाति की लड़कियों की हत्याओं और बलात्कारों पर असहाय कानून व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट प्राप्त करें और अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों के साथ अन्यायपूर्ण विवहार और हत्याओं व बलात्कारों का विवरण प्राप्त करके और आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई किऐ जाने कि मांग की है। कैंथ ने कहा कि कैप्टन सरकार के संरक्षण में अनुसूचित जातियों की घटनाओं के कारण अन्याय, अत्याचार, गुंडागर्दी, भेदभाव, अपमान और हत्या के अपराधियों के खिलाफ एक याचिका राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग मे दायर की जाएगी।