डेयरी किसानों की जायज मांगों को जल्द हल किया जाएगा, कुलदीप धालीवाल ने डेयरी किसानों को दिया आश्वासन

Spread the love

चंडीगढ़/एस.ए.एस. नगर, 19 मई। पशु पालन, मछली पालन एवं डेयरी विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा आज यहाँ लाइवस्टॉक कॉम्प्लेक्स में प्रगतिशील डेयरी किसानों और मछली पालकों के साथ बैठक की गई। इस बैठक में उन्होंने डेयरी किसानों और मछली पालकों को पेश आ रही दिक्कतों के बारे में विचार-विमर्श किया।
कैबिनेट मंत्री ने इस मौके पर कहा कि सरकार कृषि में विभिन्नता लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए कृषि के सहायक धंधे डेयरी फार्मिंग और मछली पालन, और पशुपालन को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करने और इस क्षेत्र में राज्य को अग्रणी बनाने के लिए व्यापक मुहिम राज्य भर में चलाई जाएगी। उनके द्वारा युवाओं को इन धंधों से जुड़ने की भी अपील की और कहा कि सरकार द्वारा इन सहायक धंधों से जुड़ने वालों की अधिक से अधिक सहायता की जाएगी।
आज दोपहर के बाद पहले पशुपालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा प्रगतिशील डेयरी किसानों के साथ बैठक की गई। इस मौके पर उन्होंने डेयरी किसानों की समस्याएं सुनने के बाद उनकी जायज माँगों को पहल के आधार पर हल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह एक-दो दिन में मुख्यमंत्री भगवंत मान और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के साथ विस्तार से डेयरी किसानों की समस्याओं के बारे में विचार करके हल करवाएंगे।
इससे पहले पी.डी.एफ.ए. के प्रधान दलजीत सिंह के नेतृत्व में डेयरी किसानों द्वारा दूध के दाम बढ़ाने, सस्ती फीड उपलब्ध करवाने आदि के अलावा दूध की कीमतों के लिए स्टेबलाईज़ेशन फंड बनाने संबंधी सुझाव पेश किए गए। इसके साथ ही उपस्थित डेयरी किसानों द्वारा मिलावटी दूध के धंधे पर नकेल कसने के लिए सख़्त कानून बनाने की माँग की गई।
मंत्री कुलदीप धालीवाल ने इस मौके पर कहा कि अभी भी राज्य के आधे गाँव वेरका के साथ नहीं जुड़े हुए और उनका मुख्य लक्ष्य सभी गाँवों में डेयरी फार्मिंग के धंधे के साथ लोगों को जोडक़र सहकारिता लहर को राज्य में और मज़बूत करना है। इस मौके पर मंत्री ने कहा कि सरकार को बने अभी दो महीने का समय ही हुआ है, तो डेयरी किसानों को चाहिए कि सरकार के साथ सहयोग करें और उनकी सभी जायज़ माँगों का हल किया जाएगा।
इसके उपरांत मंत्री ने मछली और झींगा पालकों के साथ बैठक की और उनके विचार सुने और सरकार द्वारा इस पेशे को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया। मछली पालन विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए मंत्री ने कहा कि युवाओं को मछली और झींगा पालन के साथ जोडक़र एक लाख एकड़ खारेपन से प्रभावित ज़मीन को झींगा पालन के अधीन लाया जाए। इसलिए युवाओं को नियमित रूप से झींगा पालन का प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाए। मछली और झींगा पालकों के सुझाव को स्वीकार करते हुए मंत्री ने उप-कुलपति, गुरू अंगद देव वेटनरी एनिमल साइसज़ यूनिवर्सिटी डॉ. इन्दरजीत सिंह को आदेश देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा झींगा पालन के लिए किसानों को हर साल जनवरी, फरवरी और मार्च के महीने में प्रशिक्षण देने के लिए प्रबंध किए जाएँ।
किसानों ने मंत्री को सुझाव दिया कि खाली पड़ी पंचायती ज़मीनों को मछली पालन के अधीन लाने के लिए ठेके पर दिए जाने और को ठेके पर देने सम्बन्धी प्रणाली को और अधिक आसान बनाया जाए। जिस सम्बन्धी उन्होंने खाली और बिना इस्तेमाल की पंचायती ज़मीनों सम्बन्धी जानकारी एकत्रित करने के लिए आदेश जारी किए, जिससे मछली पालन के अधीन क्षेत्रफल को और बढ़ाया जा सके।
एक और विचार के साथ सहमति प्रकट करते हुए कुलदीप धालीवाल ने कहा कि मछली और झींगा पालन के लिए बिजली के खर्चों को घटाने के लिए सोलर पम्पों को सब्सिडी और लगाने सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार कर पेश किया जाए, उन्होंने साथ ही मछली पालन विभाग के अधिकारियों को कहा कि सोलर पम्प लगवाने के इच्छुक मछली और झींगा पालकों के केस भी विभाग द्वारा तैयार करके पेडा को भेजे जाएँ और केस की पूरी पैरवी की जाए।
मछली तालाबों में मछली की चोरी की समस्या के हल सम्बन्धी मंत्री ने विभाग को आदेश दिए के तालाबों पर सी.सी.टी.वी की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएँ। इसके अलावा मंत्री ने मछली और झींगों की फ़सल के बीमे की सुविधा किसानों को प्रदान करने के लिए संभावना तलाशने के लिए आदेश दिए।
इस बैठक में विकास प्रताप, प्रमुख सचिव, कुलदीप सिंह संघा मैनेजिंग डायरेक्टर, मिल्कफेड, पशु पालन, मछली पालन एवं डेयरी विकास विभाग, डॉ. सुभाष चंद्र, डायरेक्टर, पशुपालन विभाग, कुलदीप सिंह जस्सोवाल, डायरेक्टर डेयरी विकास विभाग, डॉ. इन्दरजीत सिंह, वाइस चांसलर, गडवासू, सुखविन्दर सिंह वालिया सहायक डायरेक्टर मछली पालन विभाग और डेयरी विकास विभाग के अलावा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *