चंडीगढ़, 26 मार्च। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ हर युवा की शिक्षा और कौशल विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री कल देर सायं औद्योगिक संघों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एवं श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक भी उपस्थित थे।
मनोहर लाल ने कहा कि औद्योगिक संगठन राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और आज कई महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान सुझाव हितधारकों द्वारा दिए गए हैं। इन सुझावों को निश्चित रूप से पॉलिसी तैयार करते समय शामिल किया जाएगा। यदि आवश्यक होगा तो नीति में संशोधन किया जाएगा ताकि नीति उद्योग के अनुकूल बन सके।
उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उम्मीदवारों को नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने की नई नीति के लिए नियमावली तैयार करने से पूर्व औद्योगिक संघों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करना है।
मनोहर लाल ने कहा कि उद्योग के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल बनाने विशेषकर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ उद्योगों की प्रगति और अर्थव्यवस्था के बीच सही संतुलन बनाना समय की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि हरियाणा में किसी भी औद्योगिक इकाइयों को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए यह सुनिश्चित करने के समर्पित प्रयास किए जाएंगे कि कुशल स्थानीय युवाओं को उद्योगों की जरूरतों और मांगों के अनुसार ओद्योगिक इकाइयों में रोजगार दिया जाएगा।
बैठक के दौरान उद्योगपति और अन्य हितधारकों ने श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व वाली राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा एक प्रगतिशील राज्य होने के नाते निवेश के मामले में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
इससे पूर्व, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सभी से सुझावों को आमंत्रित करने का मूल उद्देश्य स्थानीय उम्मीदवारों को अधिक से अधिक रोजगार और राज्य में अधिकतम औद्योगिक निवेश सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक संघ और चैंबर्स के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के मामले में बहुत प्रगति हुई है। इसलिए, राज्य सरकार समय-समय पर हरियाणा में औद्योगिक औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की समीक्षा के लिए उद्यमियों व अन्य हितधारकों से परामर्श व सुझाव लेती रहती है।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने कहा कि हरियाणा की नई औद्योगिक नीति का उद्देश्य प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और हरियाणा को एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए मौजूदा सिस्टम को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सात क्षेत्रों की पहचान की गई है जिसमें ऑटो, ऑटो घटक, कृषि-आधारित, खाद्य प्रसंस्करण एवं सम्बद्ध उद्योग, कपड़ा उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, विनिर्माण, दवा और दवा उपकरण, रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उद्योग शामिल है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, श्रम आयुक्त, हरियाणा पंकज अग्रवाल, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के महानिदेशक विकास गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक साकेत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपिस्थित थे।