चंडीगढ़, 25 मार्च। थिएटर फॉर थिएटर, चंडीगढ़ द्वारा संस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से 27 मार्च यानी “विश्व रंगमंच दिवस” के मौके पर शुरू होने जा रहे 16वें टीएफटी विंटर नेशनल थियेटर फेस्टिवल के संदर्भ में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। टीएफटी के चेयरमैन मदन गुप्ता स्पाटू ने फेस्टिवल से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल के समय से ही ट्राइसिटी के थिएटर प्रेमी रंगमंच का, खास तौर से टीएफटी के 30 दिवसीय फेस्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जिसके चलते उन्हें दर्शकों के लगातार फोन, मैसेजेस और ईमेल्स प्राप्त हो रहे थे। टीएफटी के निर्देशक सुदेश शर्मा ने दर्शकों की इच्छा और सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए पांच दिवसीय फेस्टिवल से आगाज़ करने फैसला किया, जिससे कि रंगप्रेमी ज्यादा दिनों तक रंगमंच से वंचित ना रहें।
फेस्टिवल दर्शकों की मौजूदगी में होगा या वरचयूली (ऑनलाइन) इस पर अभी प्रशासन का फैसला आना बाकी है, पर फेस्टिवल होना तय है। मदन ने यह भी बताया की विश्व रंगमंच दिवस जैसे खास मौके पर कला प्रेमियों को पांच दिवसीय फेस्ट की सौगात देकर टीएफटी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। साथ ही यह फेस्टिवल खास इसलिए भी होगा क्योंकि फेस्टिवल के आगाज़ के साथ ही टीएफटी अपनी चर्चित प्रस्तुति “कोर्ट मार्शल” की 500 प्रस्तुतियां पूरी करने जा रहा है। इसलिए पूरा प्रयास रहेगा कि सेफ्टी के सभी मापदंड निर्धारित कर प्रशासन के सहयोग से दर्शकों से सीधे तौर पर जुड़ा जाए।
यादों के पिटारे से इतिहास के कुछ लम्हे याद करते हुए मदन जी ने बताया कि कोर्ट मार्शल की 500वीं प्रस्तुति अपने आप में ऐतिहासिक है, क्योंकि 98-99 का एक दौर ऐसा आया था जब ट्राइसिटी में रंगमंच बिल्कुल थम सा गया था। उसके ठीक 1 वर्ष बाद यानी सन् 2000 में थिएटर लगभग 1 साल के लिए कुछ थम सा गया, तो ‘कोर्ट मार्शल’ की ही 500वीं प्रस्तुति फिर से ओपन एयर में की जा रही है जो अपने आप में ऐतिहासिक और अद्भुत एहसास है।
27 मार्च से 31 मार्च तक पंजाब कला भवन के ओपन एयर स्टेज पर होने जा रहे इस फेस्टिवल का आगाज़ नाटक टीएफटी की प्रस्तुति ‘कोर्ट मार्शल’ से होगा, जिसे निर्देशित किया है सुदेश शर्मा जी ने और लिखा है स्वदेश दीपक ने । दूसरे दिन नाटक ‘चिड़ियाघर’ का मंचन किया जाएगा,अंकुर शर्मा द्वारा लिखित और निर्देशित किए इस नाटक को युवा थिएटर जालंधर प्रस्तुत करेगा। तीसरे दिन टीएफटी द्वारा अजमेर औलख जी के चर्चित नाटक ‘सत बेगाने’ का मंचन होगा, जिसे निर्देशित किया है युवा रंगकर्मी गुरप्रीत बैंस ने । चौथे दिन हरियाणा कला परिषद द्वारा हास्य से भरपूर नाटक ‘सैंया भए कोतवाल’ का मंचन संजय भसीन जी के निर्देशन में किया जाएगा, जिसे लिखा है वसंत सबनीस ने । फेस्ट का समापन पांचवें दिन जयवंत दल्वी जी के बेहद चर्चित मराठी नाटक ‘संध्या छाया’ के हिंदी संस्करण से होगा, थिएटर फॉर थिएटर की इस प्रस्तुति को सुदेश शर्मा जी ने निर्देशित किया है।
फेस्टिवल के नए पक्ष पर रोशनी डालते हुए मदन जी ने बताया की टीएफटी पहली बार अपने बैनर तले होने जा रहे किसी फेस्टिवल में लाइव संगीत की प्रस्तुति करने जा रहा है। जिसमें 1 अप्रैल की शाम को संगीत की दुनिया के चर्चित नाम सुरेश नायक जी के सानिध्य में 1 सेमी क्लासिकल म्यूजिक प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि सुरेश नायक जी लता मंगेशकर और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी जैसे दिग्गजों के साथ बॉलीवुड में अपनी सेवाएं देने के बाद फेस्ट के माध्यम से टीएफटी के साथ जुड़े और उनकी देखरेख में कलाकार परम चंदेल, गुरप्रीत बैंस, राजा राजवीर, और विक्रांत सेठ अपनी गायकी और लाइव इंस्ट्रूमेंट की प्रस्तुतियां देंगे।
फेस्टिवल में एंट्री बिल्कुल फ्री रहेगी, जिसमें सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सेफ्टी प्रिकॉशंस का पूरा ध्यान रखा जाएगा । दर्शक मास्क के बिना एंट्री नहीं कर पाएंगे और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों का प्रवेश भी वर्जित रहेगा ।