चंडीगढ़, 22 मार्च । मेहरा एनवायरमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन चंडीगढ़ के तत्वावधान में सेक्टर-7 चंडीगढ़ के पार्क में पवित्र रुद्राक्षरोपण किया। इस रुद्राक्षरोपण में हरियाणा राजभवन में पब्लिक रिलेशन के डिप्टी डायरेक्टर सतीश मेहरा बतौर मुख्यतिथि पहुंचे। वहीँ कल विश्व वानिकी दिवस पर भी स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल दरिया के प्रिंसिपल डॉ. विनोद कुमार की उपस्थिति में कईं कपूर के पौधे लगाये गये।
पौधरोपण में मुख्यतिथि पहुँचे सतीश मेहरा ने वहाँ उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया कि जिस प्रकार आज विश्व जल दिवस और कल विश्व वानिकी दिवस पर हम इन दोनों ही जीवनयापी चीजों के लिए जितना सजग होना चाहिये हम उतने सजग नहीं रहे क्योंकि आज समाज जिस दिशा में जा रहा है उसके लिए आने वाले समय में हम स्वयं जिम्मेदार होंगे। क्योंकि आज जितने एक्टिव हम सोशल मीडिया पर रहते हैं उतने एक्टिव हम व्यवहारिक तौर पर धरातल पर नहीं होते। आज हम विश्व जल दिवस और विश्व वानिकी दिवस मना रहे है। लेकिन कैसे हमसब अपने बड़े बड़े फ़ोटो के साथ विश्व जल दिवस और विश्व वानिकी दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए जरूर दिखाई दे रहें है। इतना ही नहीं हमने सोशल मीडिया पर संगोष्ठी, वेबीनार और सेमिनार भी जरूर कर लिये होंगे। सामाजिक जागरूकता के लिए यह सब तो ठीक है लेकिन इसके लिए धरातल पर काम करना भी उतना ही अहम है जितना आप सोशल मीडिया पर है। हमें गांव गांव जाकर लोगों को पानी की अहमियत के बारे में लोगों को समझाना होगा, पेड़ पौधों न काटे जाये इसके लिए ओर अधिक सख्त कानून बनाने होंगे, बड़ी मात्रा में पेड़-पौधे लगाने होंगे, कृत्रिम जंगल बनाने होंगे क्योंकि “जल के बिना वन नहीं बन सकते” और “वन नहीं रहें तो भू-जलस्तर ऐसे ही गिरता जायेगा”। जंगल और पानी दोनों का हमारे जीवन से सीधा संबंध है इन दोनों के बिना मानव जीवन की कल्पना भी अधूरी है। जितने अधिक पेड़ पौधे लगाए जाएंगे उतनी अधिक वर्षा होगी वर्षा के कारण से भूजल स्तर ऊपर आयेगा।
वहीं मेहरा एनवायरमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन के संस्थापक एवं चेयरमैन कुलदीप मेहरा ने बताया कि 22 मार्च 1993 को संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा लोगों के बीच जल के महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 22 मार्च को “विश्व जल दिवस” के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की घोषणा की गई थी। अगर देखा जाये तो हमारे पास 3 से 4% ही शुद्ध जल बचा हुआ है जिससे हमने खेती भी करनी है और दैनिक जीवन की आवश्यकताएं भी पूरी करनी है इसलिए हमें पानी का सदैव सदुपयोग करना चाहिए।
लेकिन अक्सर गांव में देखा जाता है कि बिना आवश्यकता के भी पानी नलों में खुले में बहता रहता हैं जिसकी कोई सुधबुध नहीं ली जाती।
इसके उलट इसका एक दूसरा पहलू भी है कि बड़ी बड़ी नदियों से छोटी छोटी नहरों द्वारा गाँव में सिंचाई योग्य भूमि के लिए पानी भेजा जाता है। लेकिन शहरों की केमिकल फैक्ट्रियां, तेल की रिफाइनरियाँ, फर्टिलाइजर और यहां तक की थर्मल प्लांट जैसे बड़े बड़े कारखानों से भी बहुत ज्यादा मात्रा में केमिकल और गंदा पानी उन सब छोटी नहरों और नालों में डाल जाता है जो गांव में पीने और सिंचाई के लिए प्रयोग में लाये जाते है इस प्रकार हम पानी को दूषित करते रहते है।
देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 2 से 3 मीटर भू-जल का स्तर गिरता जा रहा है अगर ऐसे ही यह सिलसिला जारी रहा और हम पानी की बर्बादी नहीं रोक सके तो हमें भविष्य में शुद्ध जल मिलना संभव नहीं होगा। इसलिए हमें गड्ढे बनाकर, डैम बनाकर वर्षा के पानी को स्टोर करना चाहिए। आजकल जैसे ग्लोबल वार्मिंग फैल रही है। उसके दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। अभी हाल ही में उत्तराखंड के चमोली में पिछले दिनों ग्लेशियर फटने से बहुत भीषण तबाही हुई थी जहाँ कईं लोगों की मृत्यु भी हो गई थी। जिसकी वजह से पेड़ पौधों से हराभरा धरातल का बहुत बड़ा हिस्सा भी नष्ट हो गया था हमें ऐसी बातों की ओर भी ध्यान देना चाहिए। ताकि समय रहते पर्यावरण और पानी को बचाया जा सकें।
इन पौधारोपण कार्यक्रमों में अलग अलग जगहों पर कईं लोग उपस्थित रहें जिसमें मुख्य रूप से हरियाणा राजभवन में पब्लिक रिलेशन के डिप्टी डायरेक्टर सतीश मेहरा बतौर, मुख्यतिथि पहुँचे, मेहरा एनवायरमेंट एंड आर्ट फाउंडेशन के संस्थापक एवं चेयरमैन कुलदीप मेहरा, हरियाणा सचिवालय के सेक्रेटरी रमेश कुमार, मोरनी कॉलेज के इंचार्ज प्रिंसीपल प्रोफेसर जयनारायण, विवेकानंद स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. विनोद कुमार, हरियाणा राजभवन से सुरेन्द्र कुमार, रमेश चन्द्र सहित जसवीर सिंह उपस्थित रहें।